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सोने और चांदी की कीमतों में नई ऊंचाई, निवेशकों के लिए फायदेमंद

आज सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों ने नई ऊंचाई छू ली है। वैश्विक मांग और अमेरिकी फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद ने निवेशकों को आकर्षित किया है। सोने की कीमत 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत 1,32,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। जानें इस वृद्धि के पीछे के कारण और निवेशकों के लिए इसका महत्व।
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सोने और चांदी की कीमतों में नई ऊंचाई, निवेशकों के लिए फायदेमंद

सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि

सोने और चांदी की कीमतें आज: शुक्रवार को सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों ने नई ऊंचाई पर पहुंचकर निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। वैश्विक मांग में मजबूती और अमेरिकी फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं ने कीमती धातुओं की ओर निवेशकों को आकर्षित किया है। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, दिल्ली में सोने की कीमत 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत 1,32,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है।


सोने की कीमत लगातार चौथे कारोबारी सत्र में बढ़ रही है। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 700 रुपये बढ़कर 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। वहीं, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत भी 700 रुपये बढ़कर 1,13,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई। ये दोनों स्तर अब तक के उच्चतम हैं।


चांदी में बड़ी वृद्धि

चांदी में 4,000 रुपये की वृद्धि


सोने के साथ-साथ चांदी ने भी जबरदस्त उछाल देखा है। लगातार दो दिनों की गिरावट के बाद चांदी की कीमत में 4,000 रुपये की वृद्धि हुई और यह 1,32,000 रुपये प्रति किलोग्राम के नए उच्च स्तर पर पहुंच गई। इस वर्ष सोना और चांदी निवेशकों के लिए लाभदायक साबित हो रहे हैं।


सोने की कीमत में 44.14% की वृद्धि हुई है। 31 दिसंबर 2024 को इसकी कीमत 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अब बढ़कर 1,13,800 रुपये तक पहुंच गई है। चांदी की कीमत में 47.16% का उछाल आया है, जो पिछले साल के अंत में 89,700 रुपये प्रति किलोग्राम थी और अब 1,32,000 रुपये तक पहुंच गई है।


अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों का प्रभाव

अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों से बढ़ी मांग


एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने बताया कि कीमती धातुओं की कीमतों में वृद्धि हाल के अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों से प्रेरित है। इसने 2025 के अंत से पहले फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को बढ़ा दिया है, जिससे बुलियन में खरीदारी गतिविधि को बढ़ावा मिला है। गांधी के अनुसार, औद्योगिक धातुओं में सकारात्मक रुख और एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों से मजबूत प्रवाह ने चांदी की कीमतों को सहारा दिया है।