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सोने और चांदी की कीमतों में हल्की गिरावट, लेकिन भविष्य की संभावनाएं सकारात्मक

2025 के अंत में सोने और चांदी की कीमतों में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्ष में कीमतों में सकारात्मक रुख देखने को मिल सकता है। इस लेख में, हम सोने और चांदी की कीमतों के हालिया उतार-चढ़ाव और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। क्या निवेशकों को इन धातुओं में निवेश करना चाहिए? जानें इस लेख में।
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सोने और चांदी की कीमतों में हल्की गिरावट, लेकिन भविष्य की संभावनाएं सकारात्मक

सोने और चांदी की कीमतों का हाल

2025 के अंतिम दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में थोड़ी कमी आई है, लेकिन समग्र स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। इस वर्ष के अंत तक, दोनों धातुएं अपने सबसे मजबूत वर्षों में से एक की ओर बढ़ रही हैं। कई महीनों की तेज वृद्धि के बाद, कुछ निवेशक मुनाफा निकाल रहे हैं, जिससे सोने और चांदी में थोड़ी कमजोरी देखी गई है। फिर भी, कीमतें वर्ष की शुरुआत की तुलना में काफी अधिक हैं.


कीमतों में वृद्धि का विश्लेषण

2025 में, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) पर सोने की कीमतों में लगभग 78% की वृद्धि हुई, जो 20 दिसंबर, 2024 को 75,233 रुपये से बढ़कर 22 दिसंबर, 2025 को 1,33,589 रुपये हो गई। इसी समय, चांदी ने 144% का शानदार रिटर्न दिया, जो 85,146 रुपये से बढ़कर 2,08,062 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान शेयर बाजार सूचकांक ने केवल 10.18% का रिटर्न दिया.


चांदी की कीमतों में उछाल

मंगलवार को, राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में चांदी की कीमत 1,000 रुपये की वृद्धि के साथ 2.41 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। हालांकि, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत में लगातार दूसरे दिन गिरावट आई, जो 2,800 रुपये टूटकर 1,39,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी टैक्स मिलाकर) रह गई.


भविष्य की संभावनाएं

केंद्रीय बैंकों द्वारा भारी खरीदारी और चांदी की बढ़ती औद्योगिक मांग के कारण इस वर्ष सोने और चांदी की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। एक अन्य महत्वपूर्ण कारक वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती अनिश्चितता थी, विशेषकर अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के बाद, जिसने निवेशकों को सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर आकर्षित किया। वैश्विक विकास पर टैरिफ का दबाव अभी भी बना हुआ है, जिससे निवेशकों के लिए यह सवाल उठता है कि क्या अर्थव्यवस्थाएं 2026 में उबर पाएंगी या अनिश्चितता बनी रहेगी. इस अनिश्चितता के कारण नए साल में निवेश के विकल्पों के रूप में सोने और चांदी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.


विशेषज्ञों की राय

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) की उपाध्यक्ष और एस्पेक्ट ग्लोबल वेंचर्स की कार्यकारी अध्यक्ष अक्षा कंबोज का कहना है कि अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के बावजूद, दोनों धातुओं की कीमतों में 2026 तक सकारात्मक रुख बने रहने की उम्मीद है। उनके अनुसार, मजबूत मांग कीमतों को समर्थन देना जारी रखेगी.