सोने की नई हॉलमार्किंग नीति: 9 कैरेट गोल्ड अब होगा प्रमाणित, जानें क्या है इसका फायदा?

सोने की कीमतों में वृद्धि और नई नीति
सोने की कीमतें अब एक नए उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं, जहां 24 कैरेट गोल्ड का मूल्य लगभग 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है। इस बढ़ती महंगाई ने आम उपभोक्ताओं, विशेषकर महिलाओं के लिए पारंपरिक सोने की ज्वेलरी खरीदना कठिन बना दिया है। ऐसे में, सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिससे लोग अब कम कीमत में हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्वेलरी खरीद सकेंगे।
9 कैरेट गोल्ड पर हॉलमार्किंग का नया नियम
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 9 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है। इससे ग्राहक अब कम कीमत में प्रमाणित और शुद्ध सोने की ज्वेलरी खरीद सकेंगे। इस निर्णय से सोने की बिक्री में वृद्धि की संभावना है।
9 कैरेट गोल्ड की कीमत और लाभ
वर्तमान में, 9 कैरेट सोने की कीमत लगभग ₹37,000 से ₹38,000 प्रति 10 ग्राम है, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत ₹1 लाख के आसपास है। इस प्रकार, 9 कैरेट गोल्ड उन ग्राहकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है, जो बजट में स्टाइलिश और हॉलमार्क वाली ज्वेलरी खरीदना चाहते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ेगी विश्वसनीयता
सरकार का मानना है कि 9 कैरेट गोल्ड पर हॉलमार्किंग न केवल घरेलू ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारतीय ज्वेलरी की विश्वसनीयता को बढ़ाएगी। विदेशों में 9 कैरेट गोल्ड की मांग पहले से ही मौजूद है, जिससे निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।
BIS-Care ऐप से करें ज्वेलरी की जांच
ग्राहक अब BIS-Care ऐप का उपयोग करके किसी भी ज्वेलरी की शुद्धता की जांच कर सकते हैं। ज्वेलरी पर अंकित HUID (Hallmark Unique Identification) नंबर डालकर यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि गहना असली है या नहीं। BIS की आधिकारिक वेबसाइट पर भी यह जांच संभव है।
हॉलमार्किंग का महत्व
हॉलमार्क एक सरकारी मुहर है जो यह सुनिश्चित करती है कि सोना शुद्ध है और ग्राहकों को सही उत्पाद की गारंटी मिलती है। यह न केवल खरीदारी को सुरक्षित बनाता है, बल्कि बाद में एक्सचेंज या रीसेल में भी सहूलियत प्रदान करता है।