हरियाणा की बेटियों ने बनाया ल्यूमिनसेंट ग्लास, 400 डिग्री तापमान सहन करने में सक्षम

ल्यूमिनसेंट ग्लास: हरियाणा की नई उपलब्धि
हरियाणा ने ल्यूमिनसेंट ग्लास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की दो प्रतिभाशाली छात्राओं, वंशिका और तुनिश, ने रेयर अर्थ मटेरियल का उपयोग करके ऐसा ग्लास तैयार किया है, जो 400 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर सकता है।
छह महीने की मेहनत से बनी अनोखी खोज
एम.एससी. फिजिक्स की छात्राएं वंशिका और तुनिश ने केवल छह महीने में इस ल्यूमिनसेंट ग्लास का विकास किया। यह ग्लास इनऑर्गेनिक मटेरियल से निर्मित है, जो पारंपरिक रेज़िन की तुलना में अधिक मजबूत है।
रेज़िन से बनी एलईडी समय के साथ खराब हो जाती हैं, जबकि इस नए ग्लास से बनी एलईडी लंबे समय तक चलती हैं। इन छात्राओं ने रेयर अर्थ मटेरियल का उपयोग कर इसे इतना मजबूत बनाया कि यह उच्च तापमान पर भी स्थिर रहता है।
अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त
इस शोध की एक बड़ी उपलब्धि यह है कि इसे एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित किया गया है, जिसका इंपैक्ट फैक्टर 4.7 है। यह किसी भी वैज्ञानिक के लिए गर्व की बात है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के जटिल शोध को पूरा करना बड़े वैज्ञानिकों के लिए भी चुनौतीपूर्ण होता है।
भविष्य के लिए प्रेरणा
यह ल्यूमिनसेंट ग्लास न केवल तकनीकी क्षेत्र में क्रांति लाएगा, बल्कि यह युवाओं, विशेषकर छात्राओं, के लिए एक प्रेरणा भी बनेगा। वंशिका और तुनिश ने साबित किया है कि मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
यह तकनीक पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि यह एलईडी की उम्र बढ़ाएगी और कचरे को कम करेगी। हरियाणा की इन बेटियों ने यह दिखाया है कि छोटे शहरों से भी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।