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हरियाणा के पीएम श्री स्कूलों में शिक्षा का नया युग

हरियाणा के 250 पीएम श्री स्कूलों में शिक्षा का तरीका बदलने जा रहा है। कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को अब प्रयोगात्मक तरीके से विज्ञान, गणित और तकनीक की पढ़ाई का अवसर मिलेगा। कॉलेज और विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ बच्चों को मार्गदर्शन देंगे, जिससे उनकी वैज्ञानिक सोच में वृद्धि होगी। इस पहल के तहत स्कूलों को नवाचार और प्रयोग के केंद्र में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। जानें इस नई शिक्षा प्रणाली के बारे में और कैसे यह बच्चों को प्रतियोगी दुनिया के लिए तैयार करेगी।
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हरियाणा के पीएम श्री स्कूलों में शिक्षा का नया युग

हरियाणा के पीएम श्री स्कूलों में बदलाव

PM Shri Schools, (रोहतक): हरियाणा के 250 पीएम श्री स्कूलों में शिक्षा का तरीका अब बदलने जा रहा है! कक्षा 6 से 12 तक के छात्र अब विज्ञान, गणित और तकनीक की पढ़ाई केवल किताबों तक सीमित नहीं रहेंगे। उन्हें प्रयोगात्मक तरीके से सीखने का अवसर मिलेगा। इसके लिए कॉलेज और विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ बच्चों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। ये विशेषज्ञ एनसीईआरटी द्वारा सुझाए गए विषयों पर आधारित गतिविधियों के माध्यम से बच्चों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करेंगे। विशेष बात यह है कि इन गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे पीएम श्री स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार होगा और बच्चे प्रतियोगी दुनिया के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे।


डिजिटल और नवाचारी शिक्षा का नया दृष्टिकोण

इस पहल के अंतर्गत, स्कूल अब केवल पढ़ाई के केंद्र नहीं रहेंगे, बल्कि प्रयोग, नवाचार और अन्वेषण के केंद्र बनेंगे। इसके लिए राज्य परियोजना निदेशक ने 12.50 लाख रुपये का बजट जारी किया है, जिसमें प्रत्येक स्कूल को 5,000 रुपये का आवंटन किया गया है। विशेषज्ञ बच्चों को रोबोटिक्स, अंतरिक्ष विज्ञान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कचरा प्रबंधन और स्थायी कृषि जैसे आधुनिक विषयों पर प्रायोगिक शिक्षा देंगे। पोस्टर प्रेजेंटेशन, मॉडल निर्माण और रोल प्ले जैसे तरीकों से छात्रों की रचनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा।


विशेषज्ञों की टीम का गठन

हर जिले में जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) और अकादमिक परियोजना समन्वयक (एपीसी) की टीमें विशेषज्ञों का चयन करेंगी। ये विशेषज्ञ न केवल विषयों को रोचक बनाएंगे, बल्कि बच्चों की सोचने और खोजने की क्षमता को भी निखारेंगे। रोहतक के डीपीसी बिजेंद्र हुड्डा ने बताया कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से विशेषज्ञों का चयन किया जाएगा, जो बच्चों को नए तरीके से पढ़ाएंगे। प्रत्येक विशेषज्ञ को प्रति सत्र 1,000 रुपये का मानदेय मिलेगा।


PM Shri Schools: बजट और जिम्मेदारी

इस परियोजना के लिए जिला-वार बजट आवंटन किया गया है। उदाहरण के लिए, अंबाला को 55,000 रुपये (11 स्कूल), गुरुग्राम को 50,000 रुपये (10 स्कूल), और रोहतक को 70,000 रुपये (14 स्कूल) का आवंटन किया गया है। यह पहल बच्चों को डिजिटल युग और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करेगी। शिक्षा विभाग का कहना है कि यदि यह पहल सफल होती है, तो सरकारी स्कूलों की प्रतिष्ठा और गुणवत्ता में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा।