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हरियाणा को किशाऊ डैम से मिलेगी 600 मेगावाट बिजली, अमित शाह से सकारात्मक वार्ता

हरियाणा को किशाऊ डैम से 600 मेगावाट बिजली मिलने की उम्मीद है, जो राज्य के बिजली संकट को हल कर सकती है। इस परियोजना पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ सकारात्मक बातचीत हुई है। यह डैम हिमाचल प्रदेश में बनेगा और इससे जल आपूर्ति में भी सुधार होगा। जानें इस महत्वपूर्ण परियोजना के बारे में और कैसे दोनों राज्यों ने विवादों को सुलझाया है।
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हरियाणा को किशाऊ डैम से मिलेगी 600 मेगावाट बिजली, अमित शाह से सकारात्मक वार्ता

किशाऊ डैम हरियाणा पावर प्रोजेक्ट

हरियाणा को किशाऊ डैम से 600 मेगावाट बिजली मिलने की उम्मीद: किशाऊ डैम हरियाणा पावर प्रोजेक्ट से राज्य को बिजली संकट से राहत मिलने की संभावना है।


यह परियोजना हिमाचल प्रदेश में स्थापित होगी और इससे हरियाणा को 600 मेगावाट बिजली मिलेगी। नायब सिंह सैनी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ सकारात्मक बातचीत की है। दोनों राज्यों के बीच जल विवाद पर सहमति बन चुकी है और अब तकनीकी समस्याओं को हल करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।


किशाऊ डैम से हरियाणा को 600 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने की उम्मीद है। यह डैम हिमाचल प्रदेश के 5400 एकड़ क्षेत्र में बनेगा और इसकी लागत ₹7000 से ₹8000 करोड़ के बीच आंकी गई है। केंद्र सरकार की सहायता से हिमाचल और हरियाणा मिलकर इस परियोजना को विकसित कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इस मुद्दे पर चर्चा की। बातचीत सकारात्मक रही और उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार इस योजना का समर्थन कर रही है।


जल आपूर्ति और बिजली उत्पादन में होगा बड़ा लाभ


हरियाणा पहले से ही अपनी जल आवश्यकताओं का 47% किशाऊ डैम से पूरा करता है। यदि यह नई परियोजना शुरू होती है, तो राज्य को जल आपूर्ति में मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही 600 मेगावाट बिजली भी मिलेगी, जिससे घरेलू और औद्योगिक क्षेत्रों को राहत मिलेगी।


हरियाणा सरकार ने यह भी बताया कि परियोजना के पूरा होने पर हथिनी कुंड बैराज से गुजरने वाले पानी को नियंत्रित किया जा सकेगा। इसके अलावा, राज्य ने किशाऊ डैम से उत्पन्न बिजली खरीदने में रुचि भी दिखाई है।


दो राज्यों के बीच बनी सहमति, निर्माण जल्द शुरू होने की संभावना


इस डैम को लेकर पहले आए विवादों को दोनों राज्यों ने मिलकर सुलझा लिया है। हिमाचल में कांग्रेस और हरियाणा में भाजपा की सरकार होने के बावजूद तकनीकी और कानूनी बाधाओं को हटाने के लिए समझौता हुआ है।


10 जनवरी 2025 को दोनों राज्यों ने एक तकनीकी समिति का गठन किया ताकि इस योजना का क्रियान्वयन सरल हो सके। हिमाचल सरकार ने भी स्पष्ट किया है कि यदि बिजली की खरीद पूर्व निर्धारित मानकों के अनुसार होती है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।