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हरियाणा में जीएसटी संग्रह में अभूतपूर्व वृद्धि: नायब सिंह सैनी

हरियाणा में जीएसटी संग्रह में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो 2018-19 में 18,910 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 39,743 करोड़ रुपये हो गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस वृद्धि के पीछे जीएसटी सुधारों का हाथ बताया है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने बताया कि इन सुधारों से हरियाणा की जनता को लगभग चार हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा। जानें इस विषय पर और क्या कहा मुख्यमंत्री ने।
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हरियाणा में जीएसटी संग्रह में अभूतपूर्व वृद्धि: नायब सिंह सैनी

हरियाणा में जीएसटी संग्रह में वृद्धि



  • जीएसटी सुधार से साकार होगा एक राष्ट्र-एक कर का सपना

  • मुख्यमंत्री ने जीएसटी बचत उत्सव कार्यक्रम के माध्यम से गुरुग्राम में उद्यमियों से किया सीधा संवाद


गुरुग्राम। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि हरियाणा में कर आधार का विस्तार हुआ है और जीएसटी संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हरियाणा का नेट एस.जी.एस.टी. संग्रह 2018-19 में 18,910 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 39,743 करोड़ रुपये हो गया है, जो 110 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह जानकारी उन्होंने रविवार को गुरुग्राम में आयोजित जीएसटी बचत उत्सव कार्यक्रम में उद्यमियों के साथ संवाद करते हुए दी।


जीएसटी सुधार का महत्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 22 सितंबर को जीएसटी सुधार लागू किए हैं। इस नई प्रणाली से हरियाणा की जनता को लगभग चार हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा। ये सुधार आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर हरियाणा के निर्माण में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने सभी उद्यमियों को नवरात्रों की शुभकामनाएं दी।


उन्होंने बताया कि जीएसटी में सुधार की घोषणा प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर की थी और एक महीने के भीतर इसे लागू कर दिया गया। दशकों तक देश की जनता अलग-अलग टैक्स के जाल में उलझी रही, लेकिन अब एक राष्ट्र-एक कर का सपना साकार हो चुका है।


आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वदेशी को अपनाने का आह्वान किया है और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना की है। हाल ही में उनकी जापान यात्रा के दौरान 'मेक इन इंडिया फॉर द वल्र्ड' का विजन प्रस्तुत किया गया। इन सुधारों से रोजमर्रा के उपभोक्ता सामान की कीमतें कम हुई हैं, जिससे मध्यम वर्ग की बचत बढ़ी है और आगामी त्योहारों में खरीदारी से बाजार को लाभ होगा।


उन्होंने जी.एस.टी. परिषद द्वारा लिए गए निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब देश में जी.एस.टी. की केवल दो मानक दरें होंगी: 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत। इसके अलावा, अहितकारी वस्तुओं के लिए विशेष दर 40 प्रतिशत निर्धारित की गई है। हरियाणा कृषि प्रधान राज्य है और जी.एस.टी. परिषद ने कृषि और किसानों का ध्यान रखा है।


जीएसटी सुधार का प्रभाव

हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने जीएसटी बचत उत्सव-2025 सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा जीएसटी स्लैब में किए गए सुधार आम नागरिकों के जीवन में ऐतिहासिक बदलाव लाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधार से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी। नए जीएसटी दरों को लागू करने में व्यापारियों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा।