हरियाणा में धान सीधी बिजाई सब्सिडी: किसानों को मिलेगा 4500 रुपये प्रति एकड़

धान सीधी बिजाई सब्सिडी की नई पहल
हरियाणा में धान सीधी बिजाई सब्सिडी: किसानों को 4500 रुपये प्रति एकड़, आवेदन की अंतिम तिथि 10 जुलाई: धान की सीधी बिजाई सब्सिडी (Direct Seeding Rice subsidy) की घोषणा ने हरियाणा के किसानों में नई आशा जगाई है।
राज्य सरकार भू-जल स्तर (groundwater level) को संरक्षित करने के लिए धान की सीधी बिजाई (डीएसआर) को प्रोत्साहित कर रही है। इस योजना के तहत, किसानों को प्रति एकड़ 4500 रुपये की प्रोत्साहन राशि और डीएसआर मशीन पर 50% तक की सब्सिडी (subsidy) मिलेगी।
किसानों को 10 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन करना आवश्यक है। यह योजना पर्यावरण और किसानों की आय दोनों को बढ़ाने में सहायक होगी। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पर्यावरण और किसानों के लिए लाभकारी पहल
पर्यावरण और किसानों के लिए Direct Seeding Rice subsidy: हरियाणा में गिरते भू-जल स्तर (groundwater level) को लेकर चिंता बढ़ रही है। धान की सीधी बिजाई (डीएसआर) तकनीक पानी की बचत करती है और पर्यावरण की रक्षा करती है।
सरकार इस तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। डीएसआर मशीन का उपयोग करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 4500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह राशि किसानों की आय में वृद्धि और खेती को सरल बनाने में मदद करेगी। योजना का लाभ पहले आओ-पहले पाओ (first-come-first-serve) आधार पर दिया जाएगा। यह कदम किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी है।
डीएसआर मशीन पर सब्सिडी
डीएसआर मशीन पर 50% सब्सिडी: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग डीएसआर मशीन की खरीद पर 50% सब्सिडी (subsidy) प्रदान कर रहा है। यह अनुदान मशीन की कीमत का आधा या अधिकतम 40,000 रुपये तक होगा। किसान 10 जुलाई 2025 तक agri-haryana.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए 'मेरी फसल-मेरा ब्योरा' पोर्टल पर पंजीकरण, ट्रैक्टर की वैध आरसी, आधार कार्ड, पैन कार्ड, और परिवार पहचान पत्र आवश्यक हैं। अनुसूचित जाति के किसानों को प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। सहायक कृषि अभियंता कार्यालय से भी मशीन उपलब्ध है।
आवेदन प्रक्रिया और लाभ
आवेदन और लाभ की प्रक्रिया: धान सीधी बिजाई सब्सिडी (Direct Seeding Rice subsidy) का लाभ उठाने के लिए किसानों को समय पर आवेदन करना होगा। 'मेरी फसल-मेरा ब्योरा' पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। यह योजना पहले आओ-पहले पाओ (first-come-first-serve) आधार पर कार्य करती है।
किसानों को अपने दस्तावेज तैयार रखने होंगे। यह योजना न केवल खेती को आधुनिक बनाएगी, बल्कि पानी की कमी से जूझ रहे हरियाणा में भू-जल संरक्षण (water conservation) को भी बढ़ावा देगी। किसान इस अवसर का लाभ उठाकर अपनी खेती को और लाभकारी बना सकते हैं।