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हरियाणा में बाजरे की सरकारी खरीद की नई योजना: किसानों को मिलेगी राहत

हरियाणा सरकार ने 1 अक्टूबर 2025 से बाजरे की सरकारी खरीद शुरू करने की योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी रेट के बीच का अंतर सीधे उनके खातों में मिलेगा। बारिश के कारण बाजरे की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, जिससे किसानों को चिंता है। जानें इस योजना के बारे में और कैसे यह किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी।
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हरियाणा में बाजरे की सरकारी खरीद की नई योजना: किसानों को मिलेगी राहत

हरियाणा में बाजरे की MSP और सरकारी खरीद

चंडीगढ़ | हरियाणा के बाजरा उत्पादक किसानों के लिए एक सकारात्मक समाचार है! राज्य सरकार 1 अक्टूबर 2025 से भावांतर भरपाई योजना के तहत बाजरे की सरकारी खरीद आरंभ करने जा रही है। इस योजना के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और मंडी मूल्य के बीच के अंतर की राशि सीधे किसानों के खातों में जमा की जाएगी। सरकार ने प्रति क्विंटल 625 रुपये की भरपाई राशि निर्धारित की है, जो सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचेगी।


केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित MSP

केंद्र सरकार ने बाजरे का MSP 2775 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। उदाहरण के लिए, यदि मंडी में बाजरा 2200 रुपये प्रति क्विंटल बिकता है, तो किसानों को MSP का पूरा लाभ प्राप्त करने के लिए 625 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त मिलेंगे। यह योजना किसानों की आय में वृद्धि और उन्हें नुकसान से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।


मार्केट कमेटी की तैयारियां

मार्केट कमेटी की तैयारियां


चरखी दादरी मार्केट कमेटी के सचिव ने पुष्टि की है कि 1 अक्टूबर से बाजरे की सरकारी खरीद शुरू होगी, जो 2023-24 के पैटर्न पर आधारित होगी। मंडियों में खरीद के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।


किसान अब प्ले स्टोर से ‘ई-खरीद’ ऐप डाउनलोड करके घर बैठे गेट पास बुक कर सकते हैं। इससे उन्हें मंडी में लंबी कतारों से राहत मिलेगी और उनकी फसल आसानी से सरकारी खरीद केंद्र तक पहुंच सकेगी।


बारिश से बाजरे को नुकसान

बारिश से बाजरे को नुकसान


हालांकि मंडियों में इस समय बाजरे की आवक बढ़ रही है, लेकिन सरकारी खरीद शुरू होने में कुछ दिन बाकी हैं। लगातार बारिश के कारण बाजरा लगभग 75% काला हो चुका है, जिससे उसकी गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कई किसान अपनी फसल मंडी में छोड़कर जा रहे हैं। यदि बारिश जारी रही, तो पहले से खराब बाजरे की स्थिति और बिगड़ सकती है।