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हरियाणा में बिजली बिलों में 9 से 30% की वृद्धि: जानें नए दरें और प्रभाव

हरियाणा में बिजली बिलों में हाल ही में 9 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बन गई है। छोटे उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क हटा दिया गया है, जबकि मध्यम और बड़े उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डाला गया है। विशेष रूप से उद्योगों को इस वृद्धि से बड़ा झटका लगा है। जानें नए दरें और उनके प्रभावों के बारे में विस्तार से।
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हरियाणा में बिजली बिलों में 9 से 30% की वृद्धि: जानें नए दरें और प्रभाव

हरियाणा में बिजली बिल वृद्धि का असर

हरियाणा में बिजली बिलों में हाल ही में 9 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर डाल रही है। नए दरों के अनुसार, छोटे उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क हटा दिया गया है, जबकि मध्यम और बड़े उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डाला गया है। विशेष रूप से उद्योगों को इस वृद्धि से बड़ा झटका लगा है। आइए, नई दरों और उनके प्रभावों पर एक नज़र डालते हैं।


बिजली बिल में वृद्धि के कारण

हरियाणा में बिजली बिलों में वृद्धि का मुख्य कारण स्लैब में बदलाव और फिक्स चार्ज में वृद्धि है। पहले 50 यूनिट से अधिक खपत पर चार्ज 2.50 से 6.30 रुपये प्रति यूनिट था, जो अब बढ़कर 6.50 से 7.50 रुपये हो गया है। स्लैब में भी बदलाव किया गया है, जैसे कि 151-250 यूनिट का स्लैब अब 151-300 यूनिट हो गया है।


उद्योगों पर बढ़ा बोझ

उद्योगों के लिए बिजली बिल में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। पहले 20 केवीए तक कोई फिक्स चार्ज नहीं था, लेकिन अब यह सभी पर लागू है। एलटी कनेक्शन (50 केवीए तक) और एचटी कनेक्शन (50 केवीए से ऊपर) पर अब 290 रुपये प्रति केवीए चार्ज है, जो पहले 165 रुपये था।


सरकार का दावा और उपभोक्ताओं पर प्रभाव

हरियाणा सरकार का कहना है कि यह वृद्धि सात साल बाद की गई है। छोटे उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क हटाया गया है, और 2 किलोवाट तक के कनेक्शन और 100 यूनिट खपत वाले उपभोक्ताओं के लिए 10% से कम वृद्धि हुई है। 5 किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के लिए 3-9% और 6% बड़े उपभोक्ताओं के लिए 5-7% की वृद्धि हुई है।