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हरियाणा में स्टार्टअप के लिए आर्थिक सहायता की समय सीमा बढ़ी

हरियाणा सरकार ने स्टार्टअप शुरू करने वाले उद्यमियों के लिए आर्थिक सहायता की समय सीमा को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है। लीज रेंटल सब्सिडी, पेटेंट लागत प्रतिपूर्ति, और अन्य योजनाओं के तहत युवाओं को वित्तीय सहायता मिलेगी। जानें इन योजनाओं के बारे में विस्तार से और कैसे आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
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हरियाणा में स्टार्टअप के लिए आर्थिक सहायता की समय सीमा बढ़ी

हरियाणा सरकार की नई योजनाएँ

हरियाणा में स्टार्टअप शुरू करने वाले उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। राज्य सरकार ने लीज रेंटल सब्सिडी योजना, पेटेंट लागत प्रतिपूर्ति योजना, नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति योजना, क्लाउड स्टोरेज के लिए प्रतिपूर्ति योजना, सीड फंडिंग योजना और एक्सीलेरेशन प्रोग्राम्स के तहत आर्थिक सहायता के लिए आवेदन की समय सीमा को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है।


लीज रेंटल सब्सिडी योजना के अंतर्गत महिलाओं को स्टार्टअप के लिए 45 प्रतिशत और अन्य युवा उद्यमियों को 30 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाती है। यदि कोई युवा अपने स्टार्टअप को राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट करवा लेता है, तो उसे 25 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी।


नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति योजना के तहत 50 प्रतिशत सहायता उपलब्ध होगी। इसी प्रकार, क्लाउड स्टोरेज के लिए प्रतिपूर्ति योजना और एक्सीलेरेशन प्रोग्राम्स के तहत युवा उद्यमियों को हर साल ढाई लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी।


सीड फंडिंग योजना के तहत, 'ए' श्रेणी ब्लॉक में 100 स्टार्टअप, 'बी' श्रेणी ब्लॉक में 250 स्टार्टअप, 'सी' श्रेणी ब्लॉक में 750 स्टार्टअप और 'डी' श्रेणी ब्लॉक में 1000 स्टार्टअप को प्रति स्टार्टअप 10 लाख रुपये तक का बीज ग्रांट दिया जाएगा।


उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. डी सुरेश ने इन छह योजनाओं के लिए आवेदन की समय सीमा बढ़ाने का आदेश दिया है। हरियाणा स्टेट स्टार्टअप पॉलिसी -2022 के तहत राज्य में 5,000 नए स्टार्टअप शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।