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हेपेटाइटिस-बी: लिवर कैंसर का खतरा और नई वैक्सीन की उम्मीद

हेपेटाइटिस-बी एक गंभीर वायरल संक्रमण है जो लिवर को प्रभावित करता है। यह बीमारी दूषित पानी और भोजन के सेवन से फैलती है, विशेषकर मानसून में। हाल ही में, हाइड्रोनिडोन नामक नई वैक्सीन ने इस बीमारी के खिलाफ नई उम्मीदें जगाई हैं। जानें इस बीमारी के लक्षण, कैंसर से संबंध और वैक्सीन के लाभ के बारे में।
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हेपेटाइटिस-बी: लिवर कैंसर का खतरा और नई वैक्सीन की उम्मीद

हेपेटाइटिस-बी के कारण

लिवर की बीमारियाँ आजकल जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं में से एक बन गई हैं। हेपेटाइटिस, जो एक अन्य जीवनशैली से संबंधित समस्या है, विशेष रूप से हेपेटाइटिस-बी एक संक्रामक रोग है, जो लिवर की सेहत को प्रभावित कर सकता है। मानसून के दौरान, दूषित पानी और खाद्य पदार्थों के सेवन से यह बीमारी बढ़ जाती है। हाल ही में, हेपेटाइटिस-बी के लिए एक नई दवा, हाइड्रोनिडोन, ने इस बीमारी के खिलाफ नई उम्मीदें जगाई हैं।


हेपेटाइटिस-बी क्या है?

हेपेटाइटिस-बी एक वायरल संक्रमण है, जो लिवर में सूजन का कारण बनता है। यह संक्रमण आमतौर पर दूषित पानी के संपर्क में आने से होता है। क्रोनिक हेपेटाइटिस-बी एक गंभीर स्थिति है, जो लिवर में कई अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है यदि समय पर उपचार नहीं किया जाए।


हेपेटाइटिस-बी और लिवर डिजीज का संबंध

हेपेटाइटिस बी फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, हेपेटाइटिस-बी और लिवर रोगों के बीच एक गहरा संबंध है। यह स्थिति फैटी लिवर की समस्या को बढ़ा सकती है। क्रोनिक हेपेटाइटिस-बी लिवर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है। विश्व स्तर पर लगभग 300 मिलियन लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं, जिनमें से भारत में लगभग 40 मिलियन लोग शामिल हैं।


क्या हेपेटाइटिस-बी से कैंसर हो सकता है?

हाँ, हेपेटाइटिस-बी लिवर कैंसर का कारण बन सकता है, जिसे हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा कहा जाता है। इसे 'साइलेंट किलर' भी कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण अक्सर दिखाई नहीं देते हैं, जबकि यह लिवर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है। लंबे समय तक हेपेटाइटिस रहने और लिवर में सूजन होने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।


वैक्सीन के लाभ

बीएमसी गैस्ट्रोइंटेरोल की रिपोर्ट के अनुसार, हेपेटाइटिस-बी से कैंसर का इलाज इम्यूनोथेरेपी से किया जा सकता है। हाल ही में हाइड्रोनिडोन नामक वैक्सीन का विकास किया गया है, जो इस बीमारी से बचाव में सहायक हो सकती है। यह वैक्सीन क्रोनिक हेपेटाइटिस-बी के संक्रमण को रोकने में मदद कर सकती है। हालांकि, इसके दूसरे चरण के परीक्षण अभी बाकी हैं।