CBSE के नए नियम: 75% उपस्थिति अनिवार्य, जानें क्या बदल रहा है

CBSE के नए दिशा-निर्देश
CBSE New Rules: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। 2026 से कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने के लिए छात्रों को कम से कम 75% उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। यह निर्णय छात्रों को नियमित रूप से स्कूल जाने के लिए प्रेरित करने और शिक्षा को स्थायी रूप से जोड़ने के उद्देश्य से लिया गया है।
आंतरिक मार्क्स और उपस्थिति का संबंध
इंटरनल मार्क्स से जुड़ा अटेंडेंस
CBSE ने स्पष्ट किया है कि अब उपस्थिति आंतरिक मूल्यांकन से सीधे जुड़ी होगी। आंतरिक मार्क्स केवल एक दिन की परीक्षा पर निर्भर नहीं होंगे, बल्कि पूरे दो वर्षों की पढ़ाई और शैक्षणिक गतिविधियों के आधार पर निर्धारित किए जाएंगे। इसका अर्थ है कि कक्षा 9-10 और 11-12 को दो अलग-अलग ब्लॉक के रूप में देखा जाएगा, और छात्रों को इस अवधि में लगातार उपस्थिति बनाए रखनी होगी.
अनुपस्थिति का प्रभाव
अनुपस्थिति पर होगा असर
यदि कोई छात्र 75% उपस्थिति हासिल नहीं करता है, तो स्कूल उसके आंतरिक मूल्यांकन को पूरा नहीं कर पाएंगे। ऐसे छात्रों को आवश्यक पुनरावृत्ति की श्रेणी में डाल दिया जाएगा, चाहे उन्होंने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया हो या नहीं। यह स्पष्ट है कि नियमित स्कूल जाना अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि परीक्षा में शामिल होने की अनिवार्य शर्त बन गया है.
विषय चयन के नए दिशा-निर्देश
विषय चयन के नए नियम
कक्षा 10 में छात्रों को पांच अनिवार्य विषयों के साथ-साथ दो अतिरिक्त विषय चुनने की अनुमति होगी। वहीं, कक्षा 12 में एक अतिरिक्त विषय का चयन किया जा सकेगा। लेकिन यह ध्यान रखना आवश्यक है कि इन विषयों का अध्ययन पूरे दो वर्षों तक करना अनिवार्य होगा.
स्कूलों के लिए सख्त नियम
स्कूलों पर सख्ती
CBSE ने स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे केवल उन्हीं विषयों को पेश करें जिनके लिए प्रशिक्षित शिक्षक, प्रयोगशाला और बोर्ड से स्वीकृति उपलब्ध हो। जिन विषयों में ये सुविधाएं नहीं हैं, उन्हें मुख्य या अतिरिक्त विषय के रूप में शामिल नहीं किया जा सकेगा.
कम्पार्टमेंट और पुनरावृत्ति की स्थिति
कम्पार्टमेंट और रिपीट की स्थिति
जिन छात्रों को किसी विषय में कम्पार्टमेंट या पुनरावृत्ति का सामना करना पड़ता है, वे प्राइवेट कैंडिडेट के रूप में दोबारा परीक्षा में बैठ सकते हैं। हालांकि, जिन छात्रों की उपस्थिति या आंतरिक मूल्यांकन अधूरा है, उन्हें यह सुविधा नहीं मिलेगी.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप
राष्ट्रीय शिक्षा नीति से मेल
CBSE का यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप है, जिसमें निरंतर मूल्यांकन और योग्यता आधारित शिक्षा पर जोर दिया गया है। छात्रों और स्कूलों के पास 2026 से पहले तैयारी का समय है, लेकिन तब तक उन्हें नियमित उपस्थिति और गतिविधियों में भाग लेने की आदत डालनी होगी.