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CBSE में ओपन बुक परीक्षा: कक्षा 9 में नए बदलाव की जानकारी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 9 में ओपन बुक परीक्षा की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। यह प्रणाली छात्रों को किताबों और नोट्स का उपयोग करने की अनुमति देगी, जिससे उन्हें परीक्षा के दौरान तनाव कम होगा। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को रटने के बजाय सोचने और विश्लेषण करने के लिए प्रेरित करना है। जानें इस नई प्रणाली के लाभ और इसके पीछे का उद्देश्य।
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CBSE में ओपन बुक परीक्षा: कक्षा 9 में नए बदलाव की जानकारी

ओपन बुक परीक्षा का परिचय

CBSE ओपन बुक परीक्षा: कक्षा 9 में शुरू होने जा रही है – पूरी जानकारी: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2023 में एक पायलट अध्ययन शुरू किया था, जिसमें शिक्षकों और छात्रों की प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया। अब 2026 से कक्षा 9 में प्रत्येक टर्म के तीन पेपर-आधारित परीक्षाओं में ओपन बुक परीक्षा की सुविधा उपलब्ध होगी। इस प्रणाली के तहत छात्र भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में किताबों और नोट्स का उपयोग कर सकेंगे।


इस परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य छात्रों को रटने के बजाय सोचने, विश्लेषण करने और वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए प्रेरित करना है। प्रश्नों को इस प्रकार तैयार किया जाएगा कि वे केस स्टडी प्रश्नों, डेटा विश्लेषण और अनुप्रयोग आधारित प्रश्नों पर आधारित हों।


ओपन बुक परीक्षा का पूर्व अनुभव

पहले भी किया गया था प्रयोग: CBSE ने पहले 2014 में ओपन टेक्स्ट आधारित मूल्यांकन (OTBA) के तहत ओपन बुक परीक्षा का प्रयोग किया था। उस समय यह कक्षा 9 और 11 के कुछ विषयों में लागू किया गया था। हालांकि, 2017-18 में इसे बंद कर दिया गया था क्योंकि यह छात्रों में महत्वपूर्ण सोच विकसित करने में सफल नहीं रहा।


अब नए ढांचे के साथ, CBSE इस प्रणाली को फिर से लागू कर रहा है, और यदि यह सफल होती है, तो इसे कक्षा 10, 11 और 12 में भी विस्तारित किया जा सकता है।


छात्रों को मिलने वाले लाभ

छात्रों के लिए लाभ: इस नई प्रणाली से छात्रों को परीक्षा के दौरान तनाव कम होगा क्योंकि वे किताबों और नोट्स का सहारा ले सकेंगे। इसके अलावा, यह उन्हें विश्लेषणात्मक सोच और वास्तविक जीवन के अनुप्रयोगों की ओर प्रेरित करेगा। यह बदलाव CBSE शिक्षा सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


शिक्षकों का मानना है कि इससे छात्रों की समझ और सोचने की क्षमता में सुधार होगा। यह प्रणाली छात्रों को केवल अंकों की दौड़ से हटाकर ज्ञान की गहराई तक ले जाने का प्रयास है।