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आंध्र प्रदेश की सुसत्य रेखा का राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन में चयन

आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले की सुसत्य रेखा को राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन (NMM) में मेंटर के रूप में चुना गया है। यह चयन उनके शिक्षा के प्रति समर्पण और अनुभव को मान्यता देता है। NMM का उद्देश्य शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करना है। सुसत्य रेखा का चयन न केवल उनके लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह आंध्र प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहचान है। जानें इस उपलब्धि के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव के बारे में।
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आंध्र प्रदेश की सुसत्य रेखा का राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन में चयन

सुसत्य रेखा का चयन

आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले से सुसत्य रेखा को राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन (NMM) में मेंटर के रूप में चुना गया है। यह चयन उनके शिक्षा के प्रति समर्पण और अनुभव को मान्यता देता है। NMM भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने कौशल को विकसित कर सकें और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर सकें। इस मिशन के तहत, अनुभवी शिक्षकों को मेंटर के रूप में चुना जाता है, जो अन्य शिक्षकों को मार्गदर्शन करते हैं।
सुसत्य रेखा का चयन उनके ज्ञान और शिक्षा क्षेत्र में योगदान को दर्शाता है। एक मेंटर के रूप में, उनकी जिम्मेदारी अन्य शिक्षकों को प्रेरित करना, उनकी समस्याओं को समझना और प्रभावी शिक्षण विधियों को अपनाने में मदद करना होगी। उनके अनुभव से कई शिक्षक लाभान्वित होंगे, जिसका सकारात्मक प्रभाव छात्रों की सीखने की प्रक्रिया पर पड़ेगा।
यह उपलब्धि न केवल सुसत्य रेखा के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह आंध्र प्रदेश और विशेष रूप से कुर्नूल क्षेत्र के शिक्षा क्षेत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहचान है। उनका चयन राज्य के शैक्षिक मानकों को उजागर करता है और यह दर्शाता है कि जमीनी स्तर पर कार्यरत शिक्षक भी राष्ट्रीय शिक्षा सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कुल मिलाकर, सुसत्य रेखा का NMM में चयन शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने और देश में बेहतर शिक्षण वातावरण बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।