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उत्तराखंड सरकार का सुपर 100 योजना: छात्रों के सपनों को साकार करने की पहल

उत्तराखंड सरकार ने सुपर 100 योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य मेधावी छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी में मुफ्त कोचिंग प्रदान करना है। इस योजना के तहत 100 छात्रों का चयन किया जाएगा, जिन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे भोजन, आवास और अध्ययन सामग्री मुफ्त में दी जाएंगी। यह पहल छात्रों के लिए आर्थिक बाधाओं को दूर करने में मदद करेगी और उन्हें अपने सपनों को साकार करने का अवसर प्रदान करेगी।
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उत्तराखंड सरकार का सुपर 100 योजना: छात्रों के सपनों को साकार करने की पहल

उत्तराखंड सरकार की सुपर 100 योजना

उत्तराखंड सरकार सुपर 100 योजना: राज्य का उद्देश्य है कि हर बच्चे के सपने पूरे हों। गरीबी उनके लक्ष्यों को बाधित न कर सके। उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जो विशेष रूप से उन छात्रों के लिए है जो मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए तैयारी कर रहे हैं। अब, उत्तराखंड सरकार इन छात्रों को बिना किसी शुल्क के पढ़ाई में सहायता प्रदान करेगी।


सुपर 100 कार्यक्रम का विवरण

इस योजना के तहत, सुपर 100 कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिससे उन बच्चों की चिंता कम होगी, जिनके सपनों के रास्ते में आर्थिक बाधाएं हैं। यह कार्यक्रम विशेष रूप से मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए है।


सुपर 100 कार्यक्रम की विशेषताएँ

सुपर 100 कार्यक्रम

उत्तराखंड सरकार ने मेधावी छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग प्रदान करने के लिए 'सुपर 100' कार्यक्रम की शुरुआत की है। विद्यालय शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने 'समग्र शिक्षा अभियान' के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 12वीं विज्ञान वर्ग के छात्रों के लिए इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।


100 मेधावी छात्रों का चयन

100 मेधावी विद्यार्थियों का चयन

इस कार्यक्रम के तहत, राज्य के 100 मेधावी छात्रों का चयन प्रवेश परीक्षा के आधार पर किया गया है। मंत्री ने बताया कि यह कार्यक्रम एक जून से 15 जुलाई तक देहरादून में आयोजित होगा, जिसमें चयनित छात्रों को सभी सुविधाएं मुफ्त में प्रदान की जाएंगी, जैसे भोजन, आवास, अध्ययन सामग्री और कोचिंग के लिए शिक्षकों की व्यवस्था।


अवंती फेलोज संस्था का सहयोग

अवंती फेलोज संस्था का भी सहयोग

मंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम में अवंती फेलोज संस्था का सहयोग भी लिया जा रहा है। समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला ने कहा कि 45 दिनों की ऑफलाइन पढ़ाई के बाद, ये छात्र अपने स्कूल लौटेंगे और पूरे साल ऑनलाइन कोचिंग प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि कोचिंग के दौरान छात्रों का निरंतर मूल्यांकन किया जाएगा ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी कर सकें।