गुरु नानक जयंती 2025: छुट्टियों की घोषणा और उत्सव की तैयारियाँ
गुरु नानक देव जी की जयंती का उत्सव
नई दिल्ली: गुरु नानक देव जी की जयंती, जिसे गुरु नानक जयंती के नाम से जाना जाता है, 5 नवंबर 2025 को पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाएगी। इस विशेष अवसर पर कई राज्यों में स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में छुट्टी की घोषणा की गई है।
हालांकि, कुछ राज्यों में स्कूल सामान्य रूप से खुले रहेंगे। हर साल की तरह, इस बार भी गुरुद्वारों में विशेष कार्यक्रम, कीर्तन और लंगर का आयोजन होगा, जिसमें सभी धर्मों के लोग शामिल होंगे।
पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में स्कूल बंद रहेंगे
पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित चंडीगढ़ में 5 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इन राज्यों में गुरु नानक देव जी की जयंती को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। पंजाब, जो सिख धर्म की जन्मभूमि है, में इस दिन सभी शैक्षणिक संस्थान और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। हरियाणा और दिल्ली में भी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी रहेगी।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी छुट्टी
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने भी 5 नवंबर को स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की है। इन पर्वतीय राज्यों में सिख समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है और यहां गुरु नानक देव जी की जयंती उत्साहपूर्वक मनाई जाती है। धार्मिक जुलूस, गुरुद्वारा सजावट और सामूहिक लंगर की परंपरा यहां देखने को मिलेगी।
कुछ राज्यों में स्कूल सामान्य रूप से खुलेंगे
वहीं, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में गुरु नानक जयंती पर स्कूल बंद नहीं रहेंगे। हालांकि, कई निजी स्कूल इस अवसर पर विशेष प्रार्थना सभा या सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं ताकि छात्रों को गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं से अवगत कराया जा सके।
उत्तर प्रदेश में निर्णय स्थानीय प्रशासन पर
उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरु नानक जयंती पर स्कूल बंद करने का निर्णय स्थानीय जिला प्रशासन पर छोड़ दिया है। ऐसे जिलों में, जहां सिख आबादी अधिक है जैसे लखनऊ, कानपुर और सहारनपुर, वहां स्कूलों में छुट्टी की संभावना है। जबकि अन्य जिलों में सामान्य कार्यदिवस रहेगा।
गुरु नानक जयंती का महत्व
गुरु नानक जयंती, जिसे 'गुरुपुरब' भी कहा जाता है, कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में ननकाना साहिब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनकी शिक्षाएं समानता, करुणा और एक ईश्वर में आस्था पर आधारित थीं। इस दिन श्रद्धालु प्रभात फेरियां निकालते हैं, गुरुद्वारों में अखंड पाठ और भव्य लंगर का आयोजन होता है, जिसमें हर धर्म और वर्ग के लोग शामिल होते हैं।
