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गुरुग्राम में बच्चों की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन कक्षाएं, वायु प्रदूषण की गंभीरता बढ़ी

गुरुग्राम में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते प्रशासन ने कक्षा पांच तक की पढ़ाई ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में कराने का निर्णय लिया है। यह कदम बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए उठाया गया है। प्रशासन ने कहा है कि यह आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं होता। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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गुरुग्राम में बच्चों की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन कक्षाएं, वायु प्रदूषण की गंभीरता बढ़ी

गुरुग्राम में ऑनलाइन कक्षाओं का निर्णय

उत्तर भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण, हरियाणा के गुरुग्राम जिले में प्रशासन ने बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा पांच तक की पढ़ाई अब ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में होगी। यह आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं होता।


निर्णय की तिथि और विवरण

गुरुग्राम के उपायुक्त कार्यालय ने 16 दिसंबर 2025 को पहले से जारी निर्देशों को आगे बढ़ाने का आदेश दिया। इसके तहत कक्षा एक से पांच तक के छात्र ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प चुन सकते हैं, और स्कूलों को स्थिति के अनुसार हाइब्रिड मोड अपनाने की अनुमति दी गई है। प्रशासन ने यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया है।


प्रदूषण की गंभीरता

गुरुग्राम और एनसीआर क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स पिछले कई दिनों से बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण बच्चों में सांस संबंधी समस्याएं, आंखों में जलन, एलर्जी और अस्थमा के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए छोटे बच्चों को स्कूल आने से अस्थायी राहत दी गई है।


प्रशासन का बयान

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के दिशा निर्देशों के अनुरूप है। अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों को अनावश्यक बाहर न निकलने दें और सरकारी निर्देशों का पालन करें।


नवंबर के आदेश की निरंतरता

यह निर्णय नया नहीं है। 13 नवंबर 2025 को भी इसी तरह का आदेश जारी किया गया था, जब प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर था। मौजूदा हालात को देखते हुए उसी आदेश को आगे बढ़ाया गया है।


दिल्ली के संदर्भ में निर्णय

दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान स्टेज चार लागू किया था, जिसके तहत सभी स्कूल बंद रहे और सरकारी तथा निजी दफ्तरों को पचास प्रतिशत क्षमता पर काम करने का निर्देश मिला। गुरुग्राम का निर्णय इसी क्षेत्रीय रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।


शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी

शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि माता-पिता को समय पर जानकारी दी जाए और ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाई की निरंतरता बनी रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय बच्चों की सेहत प्राथमिकता होनी चाहिए।


महत्वपूर्ण निर्णय

यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रदूषण का असर सबसे पहले बच्चों पर पड़ता है। स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे लंबे समय तक बाहर रहते हैं, और ऑनलाइन विकल्प से पढ़ाई और सुरक्षा दोनों संतुलित रह पाते हैं। नीति विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में ऐसे अस्थायी फैसले शहरी क्षेत्रों में सामान्य हो सकते हैं।


भविष्य की संभावनाएं

प्रशासन वायु गुणवत्ता की लगातार निगरानी कर रहा है। जैसे ही हालात में सुधार होगा, स्कूलों को पूरी तरह ऑफलाइन खोलने का निर्णय लिया जाएगा। अगले आदेश की सूचना आधिकारिक चैनलों के माध्यम से दी जाएगी।