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जींद के राजकीय महाविद्यालय में नए स्नातक पाठ्यक्रमों की शुरुआत

जींद के राजकीय महाविद्यालय में चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा नए स्नातक पाठ्यक्रमों की शुरुआत के लिए निरीक्षण किया गया। बीए मेजर इन इकॉनॉमिक्स और बीएससी मेजर इन मैथमैटिक्स कोर्स के लिए 40 सीटें निर्धारित की गई हैं। निरीक्षण समिति ने महाविद्यालय की शैक्षणिक सुविधाओं का अवलोकन किया और विद्यार्थियों से बातचीत की। यह पहल उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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जींद के राजकीय महाविद्यालय में नए स्नातक पाठ्यक्रमों की शुरुआत

नए स्नातक पाठ्यक्रमों का निरीक्षण


  • बीए मेजर इन इकॉनॉमिक्स और बीएससी मेजर इन मैथमैटिक्स कोर्स की शुरुआत के लिए निरीक्षण किया गया


जींद। चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा गठित निरीक्षण समिति ने राजकीय महाविद्यालय में सत्र 2025-26 से शुरू होने वाले दो नए स्नातक पाठ्यक्रमों का निरीक्षण किया। ये पाठ्यक्रम बीए मेजर इन इकॉनॉमिक्स और बीएससी मेजर इन मैथमैटिक्स हैं, जिनमें प्रत्येक के लिए 40 सीटें निर्धारित की गई हैं। इस निरीक्षण के लिए उच्चतर शिक्षा निदेशालय हरियाणा के दिशा-निर्देशों के अनुसार समिति का गठन किया गया था।


समिति की गतिविधियाँ

समिति की अध्यक्षता डॉ. अंजना लोहान ने की, जो एसडीएमएम कॉलेज नरवाना की प्राचार्या हैं। अन्य सदस्यों में डॉ. विजय कुमार, सहायक प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, और सुरेश कुमार, सीआरएसयू के वीसी के पीएस शामिल थे। निरीक्षण के दौरान, समिति ने गणित और अर्थशास्त्र विभागों के साथ-साथ पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं, कक्षाओं, भवन और परिसर की अन्य शैक्षणिक सुविधाओं का अवलोकन किया। इस दौरान, सदस्यों ने विद्यार्थियों से बातचीत की और महाविद्यालय के शैक्षणिक माहौल की सराहना की।


निरीक्षण कार्यक्रम की व्यवस्थाओं के संचालन के लिए एक समिति का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व रजिस्ट्रार डॉ. विशाल रेढू ने किया। महाविद्यालय प्रशासन ने दस्तावेजीकरण, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और जियो टैग फोटोज की व्यवस्था की। निरीक्षण के दौरान सभी विभागों से पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। इस अवसर पर कॉलेज काउंसिल आईक्यूएसी कोऑर्डिनेटर और सभी संकाय सदस्य सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।


उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार

राजकीय महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य रणधीर खटकड़ ने बताया कि इस निरीक्षण का उद्देश्य उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। यह सुनिश्चित करेगा कि नए पाठ्यक्रम सभी आवश्यक मानकों पर खरे उतरें और विद्यार्थियों को एक उत्कृष्ट शिक्षण वातावरण मिले।


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