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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर शिक्षा पर कार्यशाला का आयोजन

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर हिंदू कन्या महाविद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षा के महत्व और महिलाओं की भागीदारी पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से शिक्षा में सुधार के उपायों पर भी प्रकाश डाला। कार्यशाला का समापन प्राचार्या डॉ. पूनम मोर ने किया, जिन्होंने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर शिक्षा पर कार्यशाला का आयोजन

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती का उत्सव


  • हिंदू कन्या महाविद्यालय में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती मनाई गई


जींद। हिंदू कन्या महाविद्यालय के इंस्टीट्यूशंस इनोवेशन कौंसिल और इंग्लिश डिपार्टमेंट ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्घाटन कन्वीनर डॉ. प्रियंका साहनी ने किया। उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला सभी के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। अंजलि ने नेशनल एजुकेशन डे के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा ही वह आधार है जिस पर किसी राष्ट्र का भविष्य निर्भर करता है। उन्होंने भगवद् गीता से कुछ महत्वपूर्ण श्लोकों का उद्धरण देते हुए शिक्षा के महत्व को समझाया।


महिलाओं की शिक्षा में भागीदारी को बढ़ावा

शिक्षा हमें अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने और आत्मा को समझने में सहायता करती है। उन्होंने सभी से शिक्षा के महत्व को समझने और अपने जीवन में इसे अपनाने का आग्रह किया। डॉ. गीता गुप्ता ने मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के भारतीय शिक्षा में योगदान और एनएपी 2020 के संदर्भ में बताया कि उन्होंने शिक्षा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा में भागीदारी को बढ़ावा देने और शिक्षा को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए कार्य किया।


एनएपी 2020 में भी उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए कई सिफारिशें कीं। उन्होंने शिक्षा के तीन स्तंभों - पहुंच, समानता और गुणवत्ता पर जोर दिया और कहा कि इन तीनों को मिलाकर ही हम शिक्षा के क्षेत्र में वास्तविक परिवर्तन ला सकते हैं। कार्यशाला का दूसरा तकनीकी सत्र अंकिता, आईटी हेड, एमजी एजुकेशन एंड सोशल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा संचालित किया गया।


एआई का शिक्षा में योगदान

उनका विषय 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और शिक्षा: मानव एजेंसी को संरक्षित करना' रहा। उन्होंने बताया कि कैसे एआई शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने एनईपी शिक्षा नीति के समायोजन के बारे में चर्चा की और कहा कि एआई के माध्यम से शिक्षा को अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत बनाया जा सकता है। कार्यशाला का समापन हिंदू कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. पूनम मोर ने किया।


उन्होंने सभी रिसोर्स पर्सन, संयोजिकाओं और छात्राओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं समय-समय पर आयोजित की जाएंगी, क्योंकि ये सभी स्टाफ सदस्यों और छात्राओं के लिए अत्यंत लाभकारी होती हैं।