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दिल्ली में बच्चों के लिए विशेष प्रवेश सेल की स्थापना

दिल्ली के समग्र शिक्षा विभाग ने स्कूल से बाहर रहे बच्चों के लिए विशेष प्रवेश सेल (SAC) की स्थापना की है। यह पहल उन बच्चों की पहचान और पुनः नामांकन सुनिश्चित करने के लिए है जो शिक्षा प्रणाली से दूर हो गए हैं। SAC में स्कूल प्रमुख, एडमिशन इंचार्ज और विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह सेल बच्चों की उपस्थिति और प्रगति पर नजर रखेगा और माता-पिता को काउंसलिंग प्रदान करेगा। जानें इस पहल के बारे में और अधिक जानकारी।
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दिल्ली में बच्चों के लिए विशेष प्रवेश सेल की स्थापना

दिल्ली में शिक्षा के लिए नया कदम

दिल्ली के समग्र शिक्षा विभाग ने सभी बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। विभाग ने दिल्ली सरकार, एमसीडी, एनडीएमसी और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड से जुड़े सरकारी स्कूलों के प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वे स्कूल से बाहर रहे बच्चों के लिए विशेष प्रवेश सेल (SAC) का गठन करें। यह कदम उन बच्चों की पहचान और पुनः स्कूल में नामांकन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जो किसी कारणवश शिक्षा प्रणाली से दूर हो गए हैं.


स्पेशल एडमिशन सेल की संरचना

स्पेशल एडमिशन सेल में कौन होगा शामिल


जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार, स्पेशल एडमिशन सेल में स्कूल के प्रमुख, एडमिशन इंचार्ज, और एक शैक्षणिक एवं व्यावसायिक मार्गदर्शन काउंसलर या संबंधित विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसके अलावा, क्लस्टर रिसोर्स सेंटर कोऑर्डिनेटर (CRCC) की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी, जो आवश्यक डेटा प्रदान करेगा। इस सेल की जिम्मेदारी होगी कि बच्चों का न्यूनतम दस्तावेजों के साथ समय पर प्रवेश सुनिश्चित किया जाए। माता-पिता और बच्चों को इस प्रक्रिया में उचित मार्गदर्शन और काउंसलिंग भी दी जाएगी। यह सेल स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर (STC) के शिक्षकों के साथ समन्वय करके बच्चों को सही कक्षा या ब्रिज कोर्स में प्रवेश दिलाने में मदद करेगी.


बच्चों की प्रगति पर नजर

बच्चों की उपस्थिति और प्रगति पर नजर रखेगा सेल


इसके अतिरिक्त, SAC को इन बच्चों की उपस्थिति, प्रगति और स्कूल में रुकने की स्थिति पर नजर रखनी होगी। इन बच्चों की नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी, और यदि कोई बच्चा दोबारा स्कूल छोड़ने की कगार पर है, तो उनके माता-पिता को काउंसलिंग प्रदान की जाएगी। स्कूलों को हर 15 दिन में रिपोर्ट तैयार करनी होगी, जिसमें बच्चों के एडमिशन, उपस्थिति, पाठ्यपुस्तकों, यूनिफॉर्म, लेखन सामग्री और मूल्यांकन से संबंधित जानकारियाँ होंगी। यह रिपोर्ट जिला परियोजना कार्यालय के माध्यम से समग्र शिक्षा मुख्यालय को भेजी जाएगी। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि बच्चों को तुरंत उनकी उम्र के अनुसार कक्षा में दाखिला दिया जाए और आवश्यकता पड़ने पर STC के जरिए उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा में लाया जाए.