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दिल्ली विश्वविद्यालय में शुरू होगा अनोखा कोर्स: रिश्तों की समझ और प्रबंधन

दिल्ली विश्वविद्यालय एक नया कोर्स 'नेगोशिएटिंग इंटिमेट रिलेशनशिप' शुरू करने की योजना बना रहा है, जिसका उद्देश्य युवाओं को रिश्तों की जटिलताओं को समझने और प्रबंधन की कला सिखाना है। यह कोर्स छात्रों को न केवल दिल टूटने के बाद खुद को संभालने के तरीके सिखाएगा, बल्कि उन्हें रिश्तों में संभावित नकारात्मक संकेतों को पहचानने की भी शिक्षा देगा। चार यूनिट में विभाजित इस कोर्स में दोस्ती, प्रेम, विषाक्त पैटर्नों की पहचान और स्वस्थ संबंध बनाने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
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दिल्ली विश्वविद्यालय में शुरू होगा अनोखा कोर्स: रिश्तों की समझ और प्रबंधन

रिश्तों की समझ और प्रबंधन की आवश्यकता

आज के समय में, जब रिश्ते तेजी से टूटते हैं और लोग भावनात्मक रूप से एक-दूसरे के प्रति आक्रामक हो जाते हैं, रिश्तों की सही समझ और उन्हें संभालने की कला सिखाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली विश्वविद्यालय 'नेगोशिएटिंग इंटिमेट रिलेशनशिप' नामक एक अनूठा कोर्स शुरू करने की योजना बना रहा है।


कोर्स का उद्देश्य

इस कोर्स का मुख्य लक्ष्य युवाओं को 'इंटिमेट रिलेशनशिप' यानी घनिष्ठ संबंधों के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझाना है। इसमें न केवल दिल टूटने के बाद खुद को संभालने के तरीके सिखाए जाएंगे, बल्कि 'रेड फ्लैग्स' (खतरे के संकेत) को पहचानने की कला भी सिखाई जाएगी, ताकि वे किसी भी रिश्ते में संभावित नकारात्मक संकेतों को समय पर समझ सकें।


दिल्ली विश्वविद्यालय का नया कोर्स

दिल्ली विश्वविद्यालय का मनोविज्ञान विभाग एक महत्वपूर्ण 'नेगोशिएटिंग इंटिमेट रिलेशनशिप' कोर्स शुरू करने जा रहा है। इस पहल का मुख्य कारण किशोरों में बढ़ते अपराध और विषाक्त संबंधों को समझने की कमी है। अक्सर देखा जाता है कि रिश्तों में सही समझ न होने के कारण युवा गलत रास्ते पर चले जाते हैं।


कोर्स की संरचना

यह चार-क्रेडिट का कोर्स होगा, जिसमें हर हफ्ते तीन लेक्चर और एक ट्यूटोरियल सेशन शामिल होगा। यह विशेष रूप से उन स्नातक छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिन्होंने 12वीं कक्षा पास कर ली है और जिन्हें मनोविज्ञान की बुनियादी जानकारी है। छात्र इस कोर्स को अपने मुख्य विषयों के साथ एक अतिरिक्त विषय के रूप में चुन सकते हैं।


कोर्स की सामग्री

यह कोर्स चार यूनिट में विभाजित होगा, जो रिश्तों के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा:


यूनिट 1: दोस्ती और अंतरंगता का मनोविज्ञान: इस यूनिट में बताया जाएगा कि दोस्ती कैसे धीरे-धीरे रोमांटिक रिश्तों में बदल जाती है और इसके पीछे के मनोवैज्ञानिक कारण क्या हैं।


यूनिट 2: प्रेम और कामुकता के सिद्धांत: इसमें प्रेम के विभिन्न सिद्धांतों जैसे स्टर्नबर्ग के त्रिकोणीय सिद्धांत और दो-कारक सिद्धांत को विस्तार से समझाया जाएगा।


यूनिट 3: विषाक्त पैटर्नों को पहचानना: इस इकाई में छात्रों को रिश्तों में ईर्ष्या, लाल झंडे, ब्रेक-अप के संकेत और घरेलू हिंसा जैसे विषाक्त पैटर्न को पहचानने की शिक्षा दी जाएगी।


यूनिट 4: स्वस्थ संबंध बनाना: अंतिम इकाई में छात्रों को भावनात्मक समर्थन, प्रभावी संचार और भावनात्मक लचीलापन जैसे गुणों को विकसित करने के तरीके सिखाए जाएंगे।


कोर्स की शिक्षण विधि

यह कोर्स इंटरैक्टिव तरीके से पढ़ाया जाएगा, जिसमें छात्रों की सोशल मीडिया आदतों का विश्लेषण किया जाएगा और यह देखा जाएगा कि ये आदतें रिश्तों पर कैसे असर डालती हैं।


ब्रेकअप के अनुभवों पर चर्चा: छात्र अपने ब्रेकअप के अनुभवों पर खुलकर बात कर सकेंगे, जिससे उन्हें ऐसे हालात से निपटने में मदद मिलेगी।


पॉप-कल्चर का विश्लेषण: फिल्मों और टीवी शो के मशहूर प्रेम कहानियों का विश्लेषण किया जाएगा, जिससे यह समझा जाएगा कि ये कहानियां रिश्तों के बारे में हमारी सोच को कैसे प्रभावित करती हैं।


सीमाएं तय करने का अभ्यास: छात्रों को सिखाया जाएगा कि रिश्तों में अपनी और दूसरों की सीमाओं को कैसे तय किया जाए।


कोर्स की आवश्यकता

यह कोर्स हाल ही में दिल्ली में सामने आई कई दुखद घटनाओं के जवाब में शुरू किया जा रहा है, जहां छात्रों को रिश्तों में ईर्ष्या और ऑनलाइन निगरानी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि युवाओं को स्वस्थ रिश्तों की गहरी समझ और उनसे जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है।