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दिल्ली स्कूलों में 'राष्ट्रनीति' कार्यक्रम का शुभारंभ

दिल्ली सरकार ने 'राष्ट्रनीति' कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसमें छात्रों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान के बारे में जानकारी दी जाएगी। यह कार्यक्रम बच्चों को इतिहास, लोकतंत्र और जिम्मेदार नागरिकता की समझ विकसित करने में मदद करेगा। शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि वे इस कार्यक्रम को सफल बना सकें। जानें इस कार्यक्रम के उद्देश्यों और इसकी विशेषताओं के बारे में।
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दिल्ली स्कूलों में 'राष्ट्रनीति' कार्यक्रम का शुभारंभ

दिल्ली स्कूलों में 'राष्ट्रनीति' कार्यक्रम

दिल्ली में शिक्षा का नया अध्याय: दिल्ली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 'राष्ट्रनीति' कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के तहत, सरकारी स्कूलों के छात्र अब केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।


शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि यह कार्यक्रम बच्चों को इतिहास से जोड़ने के साथ-साथ लोकतंत्र और जिम्मेदार नागरिकता की समझ भी विकसित करेगा।


RSS का इतिहास और सामाजिक योगदान

RSS की भूमिका पर ध्यान:


'राष्ट्रनीति' कार्यक्रम में RSS के इतिहास, सिद्धांतों और समाज सेवा में इसके योगदान को शामिल किया गया है। छात्रों को बताया जाएगा कि RSS ने रक्तदान शिविर, भोजन वितरण और आपदाओं के समय राहत कार्यों में कैसे योगदान दिया, जैसे कि केदारनाथ त्रासदी, बिहार की बाढ़ और कोविड-19 महामारी के दौरान। इसके साथ ही, उन्हें यह भी सिखाया जाएगा कि RSS केवल एक संगठन नहीं है, बल्कि यह सेवा और अनुशासन की भावना को बढ़ावा देने वाला एक आंदोलन है।


स्वतंत्रता संग्राम के नायक

भूले-बिसरे नायकों की कहानियाँ:


इस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को वीर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिकाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, सुभाष चंद्र बोस जैसे भूले-बिसरे नायकों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसका उद्देश्य बच्चों को यह समझाना है कि स्वतंत्रता की लड़ाई में कई व्यक्तित्वों ने योगदान दिया, जिनकी कहानियाँ अक्सर अनसुनी रह जाती हैं।


नेताओं की प्रेरणादायक कहानियाँ

नेताओं के मूल्यों की शिक्षा:


'राष्ट्रनीति' पाठ्यक्रम में छात्रों को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं की यात्रा और उनके मूल्यों से भी अवगत कराया जाएगा। इस हिस्से का उद्देश्य यह दिखाना है कि कैसे RSS से जुड़े नेताओं ने देश की राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डाला। इन कहानियों के माध्यम से बच्चों को नेतृत्व, जिम्मेदारी और नैतिक मूल्यों की शिक्षा मिलेगी।


शिक्षकों की तैयारी और कार्यक्रम का शुभारंभ

शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण:


इस कार्यक्रम की सफलता के लिए शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। SCERT में प्रशिक्षण सत्र चल रहे हैं और शिक्षकों के लिए विशेष हैंडबुक तैयार की गई है। अभी यह तय होना बाकी है कि कौन-सी कक्षाओं में कौन-से अध्याय पढ़ाए जाएंगे। 'राष्ट्रनीति' कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 18 सितंबर को भारत मंडपम में किया, इसे 'नमो विद्या उत्सव' के तहत लॉन्च किए गए तीन नए पाठ्यक्रमों में से एक बताया गया।