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नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों का महत्व: डॉ. पराशर का व्याख्यान

माधव विद्या निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित 15 दिवसीय आधार वर्ग के पांचवे दिन, डॉ. गगनदीप पराशर ने नई शिक्षा नीति पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि इस नीति का केंद्र विद्यार्थी हैं और उनके सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी शिक्षकों पर है। इस सत्र में विभिन्न शैक्षणिक दृष्टिकोणों पर चर्चा की गई, जिसमें शारीरिक कार्यक्रम और प्रतिभा प्रकटीकरण जैसे कार्यक्रम शामिल थे। जानें इस नीति के कार्यान्वयन के बारे में और क्या कहा गया।
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नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों का महत्व: डॉ. पराशर का व्याख्यान

माधव विद्या निकेतन में नई शिक्षा नीति पर चर्चा

अमृतसर/दीपक मेहरा : माधव विद्या निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, रंजीत एवेन्यू में 15 दिवसीय आधार वर्ग के पांचवे दिन का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर और सरस्वती वंदना के साथ किया गया। इस अवसर पर पहले सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. गगनदीप पराशर (प्रधानाचार्य, सर्वहितकारी विद्या मंदिर, भिखी) उपस्थित रहे। उन्होंने नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के दौरान उसे किन-किन स्तरों से गुजरना होगा, इस पर विस्तृत जानकारी साझा की। इसके अंतर्गत उन्होंने पांच प्रमुख क्षेत्रों और 2030 के एजेंडे पर भी प्रकाश डाला। अगले सत्र में, उन्होंने अंतरविषय दृष्टिकोण और बहुविषयक दृष्टिकोण पर पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी। जगदीप, सर्वहितकारी विद्या मंदिर मनसा के प्रधानाचार्य ने 21वीं सदी के कौशल विषय पर आचार्य दीदियों को अधिगम कौशल, साक्षरता कौशल और जीवन कौशल के बारे में जानकारी दी। सभी विषय विशेषज्ञों ने आचार्य दीदियों को इस नई शिक्षा नीति के माध्यम से यह स्पष्ट करने का प्रयास किया कि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हमारी जिम्मेदारी है। पांचवे सत्र में चर्चा का विषय आधारित रहा, जिसमें शारीरिक कार्यक्रम, संध्या वंदन, और प्रतिभा प्रकटीकरण सहित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।