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पंजाब यूनिवर्सिटी के बीबीए-एमबीए प्रोग्राम में बदलाव से छात्रों में चिंता

पंजाब यूनिवर्सिटी के बीबीए-एमबीए इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में हालिया बदलाव ने छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। यूआईएएमएस से IGS में स्थानांतरण के निर्णय ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जैसे कि कक्षाएं कहां होंगी और प्लेसमेंट की जिम्मेदारी कौन लेगा। अभिभावक इस बदलाव को लेकर चिंतित हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन से स्पष्टीकरण की मांग कर रहे हैं। क्या यह बदलाव छात्रों के भविष्य को प्रभावित करेगा? जानें पूरी कहानी।
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पंजाब यूनिवर्सिटी के बीबीए-एमबीए प्रोग्राम में बदलाव से छात्रों में चिंता

पंजाब यूनिवर्सिटी का बीबीए-एमबीए इंटीग्रेटेड प्रोग्राम

Panjab University BBA-MBA Integrated Program, (चंडीगढ़) : पंजाब यूनिवर्सिटी में पांच वर्षीय बीबीए-एमबीए इंटीग्रेटेड प्रोग्राम को लेकर छात्रों और उनके अभिभावकों में हलचल मची हुई है। इस कोर्स को अचानक यूआईएएमएस (UIAMS) से पीयू इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल स्टडीज (PU-IGS) में स्थानांतरित करने का निर्णय विवादों में आ गया है। अभिभावकों और छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से सवाल उठाए हैं कि यह बदलाव क्यों किया गया और इसका उनके भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा?


अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों का दाखिला यूआईएएमएस के नाम और उसके मजबूत प्लेसमेंट रिकॉर्ड को देखकर कराया था। लेकिन अब कोर्स को IGS में स्थानांतरित करने से उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं। एक अभिभावक ने शिकायत करते हुए लिखा, “हमें एडमिट कार्ड और नोटिफिकेशन से पता चला कि कोर्स अब IGS के तहत होगा। यह बदलाव बिना किसी सूचना के किया गया, जो गलत है।” अभिभावकों ने सवाल उठाया कि इतनी भारी फीस देने के बाद भी क्या उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित है?


पंजाब यूनिवर्सिटी: IGS को लेकर उठते सवाल

अभिभावकों और छात्रों के मन में कई सवाल हैं, जिनका उत्तर विश्वविद्यालय प्रशासन से मांगा जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि IGS की अपनी कोई बिल्डिंग नहीं है, तो कक्षाएं कहां होंगी? दूसरा, इस नए संस्थान में फैकल्टी का कोई पता नहीं है, तो बच्चों को पढ़ाएगा कौन? इसके अलावा, यूआईएएमएस का प्लेसमेंट सेल अपनी इंटर्नशिप और नौकरी प्लेसमेंट के लिए जाना जाता था, लेकिन अब IGS में इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? अभिभावकों का कहना है कि IGS एक नया संस्थान है, जिसका कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में क्या उनके बच्चों को प्रयोग का हिस्सा बनाया जा रहा है?


कोर्स की शुरुआत और बदलाव

पंजाब यूनिवर्सिटी ने अगस्त के अंत में यूआईएएमएस के तहत इस पांच वर्षीय बीबीए-एमबीए इंटीग्रेटेड प्रोग्राम को लॉन्च किया था। 50 सीटों के लिए आवेदन 27 अगस्त से शुरू हुए और 6 सितंबर तक चले। एंट्रेंस टेस्ट, ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू 10 सितंबर को होने थे। लेकिन अचानक विश्वविद्यालय ने कोर्स को IGS में स्थानांतरित कर दिया और एंट्रेंस टेस्ट की जगह एप्टिट्यूड टेस्ट कराने का निर्णय लिया, जो आमतौर पर नौकरी के लिए होता है। इस बदलाव से छात्र और अभिभावक हैरान हैं।


ग्लोबल टच का दावा, लेकिन कैनेडा से तनाव

पंजाब यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. रेनू विग ने दावा किया कि IGS को ग्लोबल टच देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का कैनेडा की फ्रेजर वैली और नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू है। उनका प्लान है कि छात्र बीबीए भारत में करें और एमबीए इन विदेशी विश्वविद्यालयों में। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि भारत और कैनेडा के बीच चल रहे तनावपूर्ण रिश्तों के बीच यह योजना कितनी सफल होगी? सूत्रों के अनुसार, अगर हालात नहीं सुधरे तो विश्वविद्यालय अगले साल से इस कोर्स को बंद करने पर विचार कर सकता है।


यूआईएएमएस ने क्यों खींचे कदम पीछे?

जब यूआईएएमएस को इस कोर्स के IGS में स्थानांतरित होने की जानकारी मिली, तो उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए। सूत्रों का कहना है कि इस कोर्स के लिए पहले यूआईएएमएस की फैकल्टी और एलुमनी ने काफी मेहनत की थी। सोशल मीडिया पर भी कोर्स को जमकर प्रमोट किया गया, जिसके चलते 76 आवेदन आए।


शनिवार को एडमिशन के लिए एप्टिट्यूड टेस्ट, ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू आयोजित किए गए। लेकिन कुछ लोग इसे कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने की साजिश बता रहे हैं। अभिभावकों और छात्रों ने विश्वविद्यालय से मांग की है कि उनकी चिंताओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए, वरना वे एडमिशन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से इनकार कर सकते हैं।