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फर्जी विश्वविद्यालयों से छात्रों को बचाने के लिए यूजीसी की नई चेतावनी

यूजीसी ने छात्रों को फर्जी विश्वविद्यालयों से बचाने के लिए नई सलाह जारी की है। आयोग ने चेतावनी दी है कि ऐसे संस्थानों में दाखिला लेने से छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। जानें कैसे पहचानें फर्जी संस्थान और क्या हैं मान्यता के नियम। यह जानकारी छात्रों और अभिभावकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि वे अपनी मेहनत और समय की बर्बादी से बच सकें।
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फर्जी विश्वविद्यालयों से छात्रों को बचाने के लिए यूजीसी की नई चेतावनी

फर्जी विश्वविद्यालयों का बढ़ता खतरा


नई दिल्ली: उच्च शिक्षा के क्षेत्र में धोखाधड़ी का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। फर्जी विश्वविद्यालय आकर्षक नामों और सरल प्रवेश प्रक्रियाओं के माध्यम से छात्रों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। जब छात्र इन संस्थानों से पढ़ाई पूरी करते हैं, तो उन्हें यह जानकर निराशा होती है कि उनकी डिग्री कहीं भी मान्य नहीं है।


यूजीसी की नई सलाह

इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक नई सलाह जारी की है। आयोग ने छात्रों और उनके अभिभावकों को सलाह दी है कि वे किसी भी संस्थान में दाखिला लेने से पहले उसकी वैधता की जांच अवश्य करें, ताकि समय और मेहनत की बर्बादी से बचा जा सके।


फर्जी संस्थानों की पहचान

यूजीसी के अनुसार, जो संस्थान बिना मान्यता के खुद को विश्वविद्यालय के रूप में प्रस्तुत करते हैं, वे फर्जी माने जाते हैं। ये संस्थान भारतीय कानून द्वारा निर्धारित शैक्षणिक मानकों को पूरा नहीं करते हैं। इनसे प्राप्त डिग्रियां न तो नौकरी में मान्य होती हैं और न ही आगे की पढ़ाई में स्वीकार की जाती हैं।


मान्यता के लिए आवश्यक कानून

यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि कोई भी विश्वविद्यालय यूजीसी अधिनियम 1956 की धारा 2 एफ या धारा 3 के तहत मान्यता प्राप्त किए बिना डिग्री नहीं दे सकता। इसके अलावा, तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए एआईसीटीई या अन्य वैधानिक नियामक संस्थाओं की मंजूरी भी आवश्यक है।


फर्जी संस्थानों की सूची

आयोग के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली में कई ऐसे संस्थान हैं जो बिना मान्यता के कार्यरत हैं। इनमें सोलापुर का राष्ट्रीय पिछड़ा कृषि विद्यापीठ, कर्नाटक के तुमकुर का एसके चौल्टरी और दिल्ली का राष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान शामिल हैं। यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि ये संस्थान मान्यता प्राप्त नहीं हैं।


छात्रों और अभिभावकों के लिए चेतावनी

यूजीसी ने एक सार्वजनिक सूचना जारी कर छात्रों और अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे ऐसे स्वघोषित संस्थानों में दाखिला न लें। आयोग का कहना है कि फर्जी विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने से छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है और उनकी डिग्री बेकार हो जाएगी।


पिछले चेतावनियों का संदर्भ

यह पहली बार नहीं है जब यूजीसी ने फर्जी विश्वविद्यालयों के खिलाफ चेतावनी जारी की है। इससे पहले भी राष्ट्रीय राजधानी और केरल सहित कई राज्यों में ऐसे मामलों पर चेतावनी दी जा चुकी है। आयोग लगातार छात्रों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है।