बिहार में शिक्षकों की बहाली में डोमिसाइल नीति का लागू होना

बिहार में शिक्षा सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राज्य में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में डोमिसाइल नीति को लागू किया जाएगा, जिससे राज्य के युवाओं को सीधा लाभ मिलेगा। यह निर्णय उन छात्रों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है, जो सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे थे।
मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि TRE-4, यानी अगली शिक्षक भर्ती परीक्षा से यह नीति लागू होगी। उन्होंने शिक्षा विभाग को इस संबंध में आवश्यक संशोधन करने के निर्देश दिए हैं। TRE-4 की परीक्षा 2025 में होगी, जबकि TRE-5 का आयोजन 2026 में किया जाएगा। TRE-5 से पहले STET (सेकेंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) आयोजित किया जाएगा।
छात्रों का प्रदर्शन और मांगें
छात्रों की मांगों को मिला समर्थन
पटना के गांधी मैदान में छात्रों ने डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि बिहार की सरकारी नौकरियों में 90 से 95 प्रतिशत आरक्षण राज्य के मूल निवासियों के लिए होना चाहिए। छात्रों का तर्क था कि बाहर से आने वाले अभ्यर्थियों की बजाय बिहार के युवाओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। सरकार के इस निर्णय को छात्रों के संघर्ष की जीत के रूप में देखा जा रहा है।
महिलाओं के लिए आरक्षण में बदलाव
महिलाओं को आरक्षण में भी बदलाव
हाल ही में राज्य कैबिनेट ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके तहत सरकारी नौकरियों में महिलाओं को मिलने वाले 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ अब केवल बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं को ही मिलेगा। यह स्पष्ट करता है कि सरकार अब स्थानीय युवाओं को अवसर देने के अपने संकल्प को साकार करने में जुट गई है।
मुख्यमंत्री का ट्वीट
नवम्बर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही हमलोग शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 4, 2025
शिक्षकों की बहाली में बिहार के निवासियों (DOMICILE) को प्राथमिकता देने हेतु शिक्षा विभाग को…