राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस: पांच लाख से अधिक बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां दी जाएंगी

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन
- पेट में कीड़ों के कारण बच्चों का विकास रुकता है
- मॉपअप डे का आयोजन 2 सितंबर को होगा
जींद। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर, जिले में एक से 19 वर्ष के बीच के पांच लाख से अधिक बच्चों और किशोरों को एल्बेंडाजोल की गोलियां दी जाएंगी। इस अभियान के तहत, चार लाख 73 हजार 811 गोलियां एक वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को दी जाएंगी, जबकि 20 से 34 वर्ष की आयु की 36,838 महिलाओं को भी गोलियां दी जाएंगी।
जिले में 724 सरकारी और 387 निजी स्कूल हैं, जहां लगभग 2.5 लाख विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा, 17 सरकारी और निजी कॉलेजों में लगभग 13,000 युवा शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। कुछ बच्चे झुग्गियों और ईंट भट्टों में रहते हैं, जहां अभिभावक जानकारी के अभाव में अपने बच्चों को गोलियां नहीं दे पाते। ऐसे बच्चों को भी गोलियां दी जाएंगी।
पेट में कीड़ों का प्रभाव
नागरिक अस्पताल के डिप्टी सीएमओ, डॉ. पालेराम कटारिया ने बताया कि पेट में कीड़े होने से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है। इसलिए, स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के तहत बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां दी जाती हैं। यह अभियान 2025 में दूसरी बार चलाया जा रहा है।
यह गोलियां उन बच्चों के लिए लाभकारी होती हैं, जो खून की कमी, उल्टी, दस्त, कमजोरी और पेट दर्द जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। एक से दो वर्ष के बच्चों के लिए आधी गोली और तीन से 19 वर्ष के बच्चों के लिए एक गोली दी जाएगी।
विशेष निर्देश
सीएमओ डॉ. सुमन कोहली ने कहा कि यदि कोई बच्चा गंभीर रूप से बीमार है, तो उसे यह गोलियां नहीं दी जानी चाहिए। इसके अलावा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी बच्चा दवा से वंचित न रहे। जो बच्चे दवा नहीं ले पाएंगे, उन्हें 2 सितंबर को मॉपअप डे पर गोलियां दी जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग सभी बच्चों को दवा देने का प्रयास करेगा।
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