विदेशी डिग्री के नाम पर धोखाधड़ी: UGC की चेतावनी से छात्रों में हड़कंप

विदेशी विश्वविद्यालयों से डिग्री लेने का बढ़ता चलन
हाल के दिनों में, छात्रों के बीच विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डिग्री प्राप्त करने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है। इसे बेहतर करियर और अंतरराष्ट्रीय पहचान का एक साधन माना जा रहा है। हालांकि, इस बढ़ते चलन का फायदा उठाकर कुछ संस्थान और कंपनियां छात्रों को गुमराह कर रही हैं। ये संस्थान विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी का दावा करते हुए ऐसे डिग्री और डिप्लोमा कोर्स पेश कर रहे हैं, जिन्हें भारत में मान्यता प्राप्त नहीं है.
यूजीसी की सख्त चेतावनी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ चेतावनी जारी की है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन विदेशी विश्वविद्यालयों को मान्यता नहीं मिली है, उनके साथ मिलकर दिए गए डिग्री या डिप्लोमा भारत में मान्य नहीं होंगे। छात्रों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी कोर्स में दाखिला लेने से पहले उसकी पूरी जांच करें।
अवैध गठजोड़ से छात्रों का भविष्य खतरे में
यूजीसी ने बताया कि कई भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों ने कुछ विदेशी संस्थानों या एजुकेशनल प्रोवाइडर्स के साथ मिलकर अवैध गठजोड़ कर लिया है। इन साझेदारियों के माध्यम से ये संस्थान 'जॉइंट डिग्री', 'डुअल डिग्री' या 'विदेशी सर्टिफिकेट' देने का दावा कर रहे हैं, जबकि ये सभी अवैध हैं यदि उनकी मान्यता यूजीसी के पास नहीं है। इससे छात्रों का भविष्य संकट में पड़ सकता है, क्योंकि इन डिग्रियों की कोई कानूनी वैधता नहीं होती।
ऑनलाइन एडटेक कंपनियों का जाल
यूजीसी ने यह भी बताया कि कई एडटेक कंपनियां ऑनलाइन कोर्सेज के नाम पर विदेशी डिग्रियां बेच रही हैं। ये कंपनियां अखबारों, सोशल मीडिया और टीवी के माध्यम से जोरदार प्रचार करती हैं और छात्रों को यह विश्वास दिलाती हैं कि वे घर बैठे अंतरराष्ट्रीय डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि ऐसे कोर्सेज और डिग्रियां मान्य नहीं हैं और इससे छात्रों को केवल धोखा ही मिलेगा।
दाखिला लेने से पहले सावधानी जरूरी
यूजीसी ने छात्रों और उनके अभिभावकों को सलाह दी है कि वे किसी भी कोर्स में दाखिला लेने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह विदेशी संस्था यूजीसी से मान्यता प्राप्त है या नहीं। कोई भी कोर्स, जो बिना मान्यता प्राप्त विदेशी संस्थान के साथ साझेदारी में चल रहा हो, पूरी तरह अवैध माना जाएगा। छात्रों को यह भी सलाह दी गई है कि किसी भी विज्ञापन या प्रचार सामग्री पर आंख बंद करके भरोसा न करें। इसके बजाय, यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची और दिशा-निर्देश अवश्य जांचें।