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विश्वविद्यालय में छात्रों के समग्र विकास और रोजगार परक शिक्षा पर जोर

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. रामपाल सैनी ने छात्रों के समग्र विकास और रोजगार परक शिक्षा पर जोर देने की बात की है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में शैक्षणिक उत्कृष्टता और कौशल विकास के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा, स्थानीय उद्योगों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने की योजना भी है। विश्वविद्यालय में 28 विभाग हैं और यहां चार हजार से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। जानें और क्या योजनाएं हैं विश्वविद्यालय की।
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विश्वविद्यालय में छात्रों के समग्र विकास और रोजगार परक शिक्षा पर जोर

शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में कदम


  • विश्वविद्यालय को शैक्षणिक उत्कृष्टता और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना ही उद्देश्य : वीसी प्रो. रामपाल सैनी


(Jind News) जींद। चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. रामपाल सैनी ने बताया कि विश्वविद्यालय को शैक्षणिक उत्कृष्टता और राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। विद्यार्थियों के समग्र विकास, रोजगार परक शिक्षा और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय समुदाय और उद्योगों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।


प्रो. सैनी ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विश्वविद्यालय में अधिक से अधिक पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाएगी। सभी की इच्छा है कि विश्वविद्यालय में अधिक से अधिक छात्र आएं, जिससे इसकी पहचान बढ़े। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए सबसे महत्वपूर्ण दो चीजें हैं - इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्टाफ। इन दोनों को पूरा करना उनका मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय में कुछ निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिन्हें जल्द पूरा किया जाएगा।


लाइब्रेरी और शिक्षण स्टाफ की प्राथमिकताएं

लाइब्रेरी हो चुकी तैयार


लाइब्रेरी अब तैयार है और इसका उद्घाटन जल्द ही किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। प्रो. सैनी ने कहा कि दूसरी प्राथमिकता शिक्षण स्टाफ को गति देना है। प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो और उन्हें योग्य प्राध्यापक मिल सकें। इसके बाद अन्य सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उनकी तीसरी प्राथमिकता यह है कि विश्वविद्यालय की रैंकिंग में सुधार हो। नैक की रैंकिंग के लिए अगले पांच से छह महीनों में तैयारी की जाएगी, क्योंकि इसी के आधार पर विश्वविद्यालय को ग्रांट मिलती है।


विभिन्न विभागों की उपलब्धियां

विश्वविद्यालय में 28 डिपार्टमेंट चल रहे


प्रो. सैनी ने कहा कि विश्वविद्यालय में नैक की अच्छी रैंकिंग प्राप्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के पास कॉलेजों की तुलना में अधिक संसाधन होने चाहिए ताकि सरकार से अधिक ग्रांट प्राप्त की जा सके, जिसका उपयोग छात्रों की शिक्षा के लिए किया जा सके। प्रो. लवलीन मोहन ने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना 2014 में हुई थी और वर्तमान में यहां 28 विभाग संचालित हैं। छह प्रोग्रामों में पीएचडी शिक्षा भी शामिल है, और चार हजार से अधिक छात्र यहां पढ़ाई कर रहे हैं।


हर वर्ष कई छात्र नेट परीक्षा पास कर रहे हैं। विज्ञान विभाग के प्राध्यापकों ने पेटेंट भी अर्जित किए हैं। विश्वविद्यालय में रिसर्च पर विशेष ध्यान दिया जाता है और यहां आधुनिक लैब्स उपलब्ध हैं। छोटे विश्वविद्यालय होने के बावजूद, छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जा रही है। सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत समय-समय पर कई पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं, ताकि छात्रों को केवल डिग्री नहीं, बल्कि ज्ञान भी प्राप्त हो सके, जिससे वे रोजगार के अवसर पैदा कर सकें।