शुभांशु शुक्ला के विचारों से सजी एनसीईआरटी की नई किताब

शुभांशु शुक्ला: अंतरिक्ष यात्री के विचार
अब जब बच्चे कक्षा 5 की एनसीईआरटी की पर्यावरण अध्ययन की नई किताब खोलेंगे, तो उन्हें भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) तक पहुंचने वाले अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के विचार पढ़ने को मिलेंगे। उन्होंने अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखकर कहा था, 'पृथ्वी को बाहर से देखने पर सबसे पहला विचार यह आया कि पृथ्वी पूरी तरह से एक है; बाहर से कोई सीमा नहीं दिखाई देती।'
शुक्ला की यात्रा और उनके विचार
शुक्ला की यह ऐतिहासिक यात्रा और उनके विचार अब 'हमारा अद्भुत विश्व' पुस्तक के 'पृथ्वी, हमारा साझा घर' अध्याय का हिस्सा हैं। यह उद्धरण बच्चों को एक नई दृष्टि प्रदान करता है और उन्हें यह समझाने में मदद करता है कि हम सभी एक ही धरती के वासी हैं, बिना किसी भेदभाव के। यह उद्धरण मूलतः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई उनकी बातचीत का हिस्सा था, जिसे अब युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
शुभांशु शुक्ला: एक प्रेरणादायक यात्रा
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना के अधिकारी और परीक्षण पायलट हैं। उन्होंने 25 जून को स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन यान में एक्सिओम-4 मिशन के तहत उड़ान भरी। यह मिशन इसरो, नासा और एक्सिओम स्पेस के सहयोग से संचालित हुआ और इसके जरिए वे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचे।
शिक्षा में नवाचार: नई किताब की विशेषताएँ
एनसीईआरटी की यह नई किताब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप तैयार की गई है। इसका उद्देश्य बच्चों में वैज्ञानिक सोच, सामाजिक समझ और पर्यावरणीय चेतना को विकसित करना है। शुभांशु शुक्ला जैसे प्रेरणास्रोतों को शामिल करके यह पुस्तक सीमाओं से परे सोचने और मानवता की एकता को समझने की सीख देती है।
आधुनिक तकनीकों का समावेश
इसके साथ ही किताब में DIGIPIN जैसी आधुनिक तकनीकों, मौखिक स्वास्थ्य, बाढ़ प्रबंधन, सूक्ष्मजीव जीवन और खाद्य संरक्षण जैसे विषयों को भी सरल भाषा में जोड़ा गया है। यह नई पीढ़ी के बच्चों के लिए एक ज्ञान से भरी और जागरूकता बढ़ाने वाली किताब बन गई है।