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सोनीपत में सरकारी स्कूलों में दाखिलों में कमी, शिक्षा विभाग की नई रणनीतियाँ

सोनीपत जिले के सरकारी स्कूलों में इस वर्ष दाखिलों का लक्ष्य 10% बढ़ाने का था, लेकिन केवल 2% की वृद्धि हुई है। शिक्षा विभाग ने छात्रों को प्राइवेट स्कूलों की ओर जाने से रोकने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसमें मॉडल संस्कृति स्कूलों की स्थापना शामिल है। बाल वाटिका में भी दाखिले घट रहे हैं, जिससे चिंता बढ़ गई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अगले सत्र में दाखिलों की संख्या बढ़ाने के लिए सभी स्कूलों का आकलन किया जाएगा। जानें इस मुद्दे पर और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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सोनीपत में सरकारी स्कूलों में दाखिलों में कमी, शिक्षा विभाग की नई रणनीतियाँ

सोनीपत के सरकारी स्कूलों में दाखिलों की स्थिति

सोनीपत जिले के सरकारी स्कूलों में इस वर्ष दाखिलों का लक्ष्य 10% बढ़ाने का था, लेकिन वास्तविकता में केवल 2% की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष, स्कूलों ने 4.5% का लक्ष्य प्राप्त किया था, लेकिन इस बार की स्थिति निराशाजनक रही। जिले में कुल 709 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें प्राइमरी, मिडिल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में 1,11,643 दाखिले हुए थे, जबकि इस साल यह संख्या बढ़कर 1,13,800 हो गई, जो पिछले वर्ष से केवल 2,157 अधिक है। शिक्षा विभाग अब हर स्कूल के दाखिलों का मूल्यांकन करेगा और कम दाखिले वाले स्कूलों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।


प्राइवेट स्कूलों की ओर छात्रों का रुख

छात्रों के प्राइवेट स्कूलों की ओर जाने की समस्या को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने कई उपाय किए हैं। हर ब्लॉक में मॉडल संस्कृति स्कूल स्थापित किए गए हैं, जिन्हें सीबीएसई से जोड़ा गया है। इन स्कूलों में हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दी जाती है, और कुछ प्राइवेट स्कूलों के छात्र भी यहां दाखिला ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त, पीएम श्री स्कूलों को भी सीबीएसई से जोड़ा जा रहा है। इस वर्ष तीन स्कूलों को सीबीएसई से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसमें विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। फिर भी, दाखिले बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों का प्रभाव सीमित रहा है।


बाल वाटिका में दाखिलों में कमी

छोटे बच्चों को प्राइवेट स्कूलों की ओर जाने से रोकने के लिए सरकारी स्कूलों में बाल वाटिका की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य आंगनबाड़ी के बच्चों को सरकारी स्कूलों में लाना था। सुविधाओं में सुधार के बावजूद, बाल वाटिका में दाखिले लगातार घट रहे हैं। सत्र 2021-22 में 10,684 दाखिले हुए थे, जो इस वर्ष घटकर 4,720 रह गए हैं। शिक्षकों का मानना है कि दाखिले की आयु सीमा इसका मुख्य कारण है। विभाग अब इस कमी के कारणों का पता लगाने के लिए शिक्षकों के साथ बैठक करेगा।


स्कूलों की जवाबदेही

जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) नवीन गुलिया ने बताया कि दाखिले पिछले वर्ष की तुलना में बढ़े हैं, लेकिन 10% के लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सका। हर स्कूल के दाखिलों का आकलन किया जाएगा, और कमियों को दूर किया जाएगा। जिन स्कूलों में पिछले वर्ष की तुलना में कम दाखिले हुए हैं, उनके प्राचार्यों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। विभाग का उद्देश्य है कि अगले सत्र में दाखिलों की संख्या में वृद्धि हो और सरकारी स्कूलों की प्रतिष्ठा मजबूत हो।