हरियाणा में मिड-डे मील योजना के तहत दूध की सप्लाई में कमी

स्कूलों में दूध की सप्लाई में कमी
रोहतक समाचार, (रोहतक) : स्कूलों में मिड-डे मील के अंतर्गत बच्चों को मिलने वाला फ्लेवर्ड दूध पिछले दो महीनों से अनुपस्थित है। पहली से पांचवीं कक्षा के लगभग 7.63 लाख बच्चों को जुलाई से दूध नहीं मिला है, जबकि छठी से आठवीं कक्षा के 6.19 लाख बच्चे भी इस योजना का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। शिक्षा विभाग अब दो महीने बाद सक्रिय हुआ है और 2 सितंबर को हरियाणा डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन के साथ 31 मार्च 2026 तक दूध की आपूर्ति का समझौता किया है। 12 सितंबर को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में सूचित किया गया। हालांकि, आदेश 11 जुलाई से दूध देने का है, लेकिन बच्चों को अब सप्ताह में तीन दिन की बजाय केवल दो दिन दूध मिलेगा। इस योजना से प्रदेश के 14.68 लाख बच्चों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
दूध की आपूर्ति में बदलाव
अब केवल दो दिन मिलेगा दूध
मिड-डे मील योजना में बच्चों को पोषण प्रदान करने के लिए दूध को शामिल किया गया था। पहले सप्ताह में तीन दिन दूध देने का प्रावधान था, लेकिन अब शिक्षा विभाग ने इसे घटाकर दो दिन कर दिया है। यह नया नियम 11 जुलाई से 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगा। इसका प्रभाव प्रदेश के 14.63 लाख बच्चों पर पड़ेगा। बच्चों के लिए यह दूध पोषण का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, लेकिन सप्लाई में देरी ने इस योजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैल्शियम की कमी और सप्लाई में देरी
कैल्शियम की कमी और सप्लाई में देरी
पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को सप्ताह में तीन दिन 150 ग्राम और छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों को 200 ग्राम दूध देने की योजना है, ताकि कैल्शियम और फॉस्फोरस की कमी को दूर किया जा सके। लेकिन वास्तविकता यह है कि जुलाई से स्कूलों में दूध की सप्लाई पूरी तरह से ठप है। पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को तो बिल्कुल दूध नहीं मिला, जबकि छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों को आंशिक रूप से दूध मिल रहा है। शिक्षा विभाग की देरी और टेंडर प्रक्रिया में खींचतान का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है, खासकर उन बच्चों के लिए, जिनके लिए मिड-डे मील ही पौष्टिक भोजन का एकमात्र साधन है।
बड़े सवाल जो बिना जवाब हैं
बड़े सवाल जो बिना जवाब हैं
इस योजना को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल उठ रहे हैं। क्या बच्चों को पिछले दो महीनों का बकाया दूध मिलेगा? क्या दूध की मात्रा बढ़ाई जाएगी या सप्ताह में दो दिन से अधिक बार दूध मिलेगा? पहले तीन दिन दूध देने का वादा था, अब दो दिन का आदेश आया है, तो बाकी दूध की पूर्ति कैसे होगी? ये सवाल बच्चों के पोषण से जुड़े हैं, लेकिन जवाब का इंतजार अब भी जारी है।
दिलजीत सिंह, डीईईओ, रोहतक ने कहा कि बच्चों को कैल्शियम और फॉस्फोरस की कमी दूर करने के लिए मिड-डे मील में दूध दिया जा रहा है। हरियाणा डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन के साथ 31 मार्च 2026 तक दूध की आपूर्ति का समझौता हुआ है। आगे जो भी आदेश आएंगे, उनका पालन करते हुए सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी।