हरियाणा में सर्दी की छुट्टियों की घोषणा, स्कूल 19 दिन बंद रहेंगे
सर्दी की छुट्टियों का ऐलान
उत्तर भारत में ठंड का असर बढ़ता जा रहा है, जिससे सुबह और शाम के समय तापमान में गिरावट देखी जा रही है। इस स्थिति का सबसे अधिक प्रभाव छोटे बच्चों और स्कूल जाने वाले छात्रों पर पड़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए, हरियाणा के शिक्षा विभाग ने छात्रों को राहत देने के लिए लंबे अवकाश की घोषणा की है।
अवकाश की अवधि और निर्देश
शिक्षा निदेशालय के अनुसार, सभी स्कूल 1 जनवरी 2026 से 16 जनवरी 2026 तक बंद रहेंगे। अवकाश 16 जनवरी को समाप्त होगा और 17 जनवरी से कक्षाएं फिर से शुरू होंगी। यह आदेश राज्य के सभी जिलों में लागू होगा। स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिया गया है कि वे अभिभावकों को समय पर छुट्टी की सूचना दें, ताकि वे अपनी यात्रा और पढ़ाई की योजनाएं बना सकें।
बोर्ड परीक्षा के लिए निर्देश
10वीं और 12वीं के छात्रों को आवश्यकता पड़ने पर प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए स्कूल बुलाया जा सकता है। यह व्यवस्था सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के निर्धारित शेड्यूल के अनुसार होगी। छात्रों को सलाह दी गई है कि वे स्कूल द्वारा भेजे गए संदेशों और नोटिस पर ध्यान दें। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रैक्टिकल के लिए बुलाने का उद्देश्य पढ़ाई में रुकावट को रोकना है।
दिसंबर में छुट्टियों का कार्यक्रम
25 दिसंबर को क्रिसमस, 26 दिसंबर को शहीद उधम सिंह जयंती, 27 दिसंबर को गुरु गोबिंद सिंह जयंती और 28 दिसंबर को रविवार होने के कारण स्कूल बंद रहेंगे। इन छुट्टियों के बाद सर्दी की छुट्टियां शुरू होंगी। इस लंबे अवकाश के दौरान, परिवार बच्चों के लिए गर्म कपड़े और पढ़ाई का अनुकूल माहौल तैयार कर रहे हैं।
दिल्ली में भी छुट्टियों की योजना
दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने 1 जनवरी 2026 से सर्दी की छुट्टियां शुरू करने का संकेत दिया है, जो 15 जनवरी तक जारी रह सकती हैं। हरियाणा और दिल्ली के अवकाश निर्णय से यह स्पष्ट है कि ठंड के मौसम में स्कूलों की सुरक्षा नीति अधिक सतर्क हो गई है। अभिभावक संगठनों ने इसे सही निर्णय बताते हुए कहा है कि बच्चों की सेहत प्राथमिकता होनी चाहिए।
ऑनलाइन पढ़ाई का बढ़ता चलन
स्कूल बंद रहने के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं, होमवर्क और डिजिटल लर्निंग का उपयोग बढ़ सकता है। कई निजी स्कूल पहले से ही छुट्टियों के लिए वर्चुअल स्टडी प्लान तैयार कर रहे हैं। शिक्षक छात्रों को हल्का और रिविजन-आधारित अभ्यास देने की योजना बना रहे हैं, ताकि छुट्टियों के बाद बच्चे बिना दबाव के पढ़ाई में लौट सकें।
