हरियाणा में स्कूलों में योग शिक्षा का नया अध्याय

योग शिक्षा: हरियाणा के स्कूलों में नया ऐच्छिक विषय
योग शिक्षा: हरियाणा के स्कूलों में नया ऐच्छिक विषय: योग शिक्षा अब हरियाणा के विद्यालयों में एक नई दिशा में बढ़ने जा रही है। राज्य सरकार ने कक्षा 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए योग को ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
इस दिशा में तेजी से कदम उठाते हुए, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव की अध्यक्षता में एक विशेष समिति का गठन किया गया है। यह कदम विद्यार्थियों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ योग को उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने में मदद करेगा। आइए, इस पहल के विभिन्न पहलुओं पर नजर डालते हैं।
योग को पाठ्यक्रम में शामिल करने की प्रक्रिया
हरियाणा सरकार ने पहले ही कक्षा 1 से 10 तक योग को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया है, और अब 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए इसे ऐच्छिक विषय के रूप में लागू करने की योजना बनाई गई है।
गठित समिति को निर्देश दिए गए हैं कि वह जल्द से जल्द पाठ्यक्रम तैयार करे और अपनी अंतिम रिपोर्ट शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करे। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को योग के वैज्ञानिक और सांस्कृतिक महत्व को समझाने के साथ-साथ उनकी जीवनशैली में इसे शामिल करने के लिए प्रेरित करना है। योग शिक्षा के माध्यम से छात्र न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे, बल्कि मानसिक तनाव से भी मुक्ति पाएंगे।
योग शिक्षकों की भर्ती और नई सुविधाएं
इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के लिए हरियाणा सरकार ने व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। पीएम मॉडल संस्कृति और क्लस्टर स्कूलों में 857 योग सहायकों की भर्ती की जाएगी। इसके अलावा, शिक्षा विभाग के 25,000 कर्मचारियों को योग शिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया गया है।
सरकार का लक्ष्य है कि हर स्कूल में योग की शिक्षा व्यवस्थित और प्रभावी ढंग से दी जाए। इसके साथ ही, नारायणगढ़ या इसके आसपास के क्षेत्र में एक राजकीय योग शिक्षा और स्वास्थ्य महाविद्यालय स्थापित करने की योजना भी बनाई जा रही है। इसके लिए जमीन का चयन कार्य प्रगति पर है। ये कदम योग को स्कूलों में एक मजबूत आधार देने में मदद करेंगे।
छात्रों के लिए दीर्घकालिक लाभ
योग शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रभाव केवल स्कूली शिक्षा तक सीमित नहीं रहेगा। यह विद्यार्थियों को बचपन से ही स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। योग के नियमित अभ्यास से छात्रों की एकाग्रता, तनाव प्रबंधन और शारीरिक फिटनेस में सुधार होगा।
इसके अलावा, औपचारिक परीक्षाओं के माध्यम से योग को एक गंभीर विषय के रूप में स्थापित किया जाएगा, जिससे छात्र इसे करियर के रूप में भी चुन सकेंगे। यह पहल न केवल हरियाणा के छात्रों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।
हरियाणा सरकार की यह पहल योग को शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बनाकर युवा पीढ़ी को स्वस्थ और संतुलित जीवन की ओर ले जाएगी। योग शिक्षा के इस नए युग में, छात्रों को न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी सशक्त बनाया जाएगा।