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5 प्रसिद्ध अभिनेता जिन्होंने राजनीति के लिए छोड़ी फिल्म इंडस्ट्री

इस लेख में हम उन पांच प्रसिद्ध अभिनेताओं के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपने सफल फिल्मी करियर को छोड़कर राजनीति में कदम रखा। थलपति विजय, एमजी रामचंद्रन, एनटी रामा राव, जयललिता और विनोद खन्ना जैसे सितारों ने अपने करियर में महत्वपूर्ण मोड़ लिया। जानें कि उन्होंने क्यों और कैसे राजनीति को चुना और उनके इस निर्णय का उनके फैंस पर क्या असर पड़ा।
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5 प्रसिद्ध अभिनेता जिन्होंने राजनीति के लिए छोड़ी फिल्म इंडस्ट्री

थलपति विजय का ऐलान


एक्टर थलपति विजय ने भी किया एक्टिंग छोड़ने का ऐलान


भारतीय सिनेमा के इतिहास में, जब भी कोई प्रमुख अभिनेता राजनीति में कदम रखता है, तो उसके फैंस को निराशा का सामना करना पड़ता है। हाल ही में, थलपति विजय ने मलेशिया में एक प्रमोशनल इवेंट के दौरान अपनी अंतिम फिल्म 'जन नायकन' के बाद एक्टिंग छोड़ने की घोषणा की। हालांकि, वे पहले अभिनेता नहीं हैं जिन्होंने राजनीति के लिए फिल्मी करियर को अलविदा कहा। आइए जानते हैं उन सितारों के बारे में जिन्होंने राजनीति के लिए फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ दिया।


थलपति विजय

थलपति विजय, जो भारत के सबसे महंगे अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं, की पिछली फिल्में आसानी से 600 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी 'तमिलगा वेत्री कषगम' (टीवीके) के भविष्य के लिए अपने 33 साल के फिल्मी करियर को समाप्त करने का निर्णय लिया है। विजय का कहना है कि वे अब अपनी अगली 30 साल की जिंदगी जनता के नाम करना चाहते हैं।


एमजी रामचंद्रन (एमजीआर)

थलपति विजय के आदर्श एमजीआर ने भी राजनीति के लिए एक्टिंग को अलविदा कहा था। तमिल सिनेमा के इस दिग्गज ने जब राजनीति में कदम रखा, तब उन्होंने गरीबों के मसीहा के रूप में अपनी छवि बनाई। उन्होंने एआईएडीएमके (आॅल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) की स्थापना की और 10 साल तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे।


एनटी रामा राव (एनटीआर)

तेलुगु सिनेमा के सुपरस्टार एनटीआर को उनके लाखों प्रशंसक भगवान मानते थे। 1982 में उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की स्थापना की और महज 9 महीने में आंध्र प्रदेश की सत्ता में बदलाव किया। राजनीति उनके लिए एक मिशन था, न कि साइड बिजनेस।


जयललिता

तमिल सिनेमा की क्वीन जयललिता ने एमजीआर के साथ कई हिट फिल्में कीं। लेकिन जब उन्होंने राजनीति को चुना, तो उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली और तमिलनाडु की राजनीति में एक शक्तिशाली महिला के रूप में उभरीं।


विनोद खन्ना

बॉलीवुड के हैंडसम हंक विनोद खन्ना का मामला थोड़ा अलग था। उन्होंने पहले ओशो के पास जाकर ध्यान किया और फिर राजनीति में कदम रखा। जब वे गुरदासपुर से सांसद बने, तब उन्होंने अपने करियर के पीक पर फिल्मों से दूरी बना ली।