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62 वर्षीय व्यक्ति पर पुरानी दुश्मनी का खामियाजा: केरल में दो गिरफ्तार

केरल के कासरगोड जिले में एक 62 वर्षीय व्यक्ति पर हमले के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह हमला एक पुरानी दुश्मनी का परिणाम है, जो लगभग 50 साल पहले की एक घटना से जुड़ा है। पुलिस ने बताया कि हमले का कारण चौथी कक्षा में हुआ एक पुराना विवाद था। जानें इस घटना के बारे में और भी जानकारी, जिसमें हमले के तरीके और आरोपियों पर लगे गंभीर धाराओं का विवरण शामिल है।
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62 वर्षीय व्यक्ति पर पुरानी दुश्मनी का खामियाजा: केरल में दो गिरफ्तार

केरल में पुरानी रंजिश का खतरनाक परिणाम

केरल के कासरगोड जिले में एक 62 वर्षीय व्यक्ति पर हमले के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, यह हमला अचानक नहीं हुआ, बल्कि यह एक पुरानी दुश्मनी का परिणाम है, जो लगभग 50 साल पहले की एक घटना से जुड़ा है।


बचपन की दुश्मनी का असर

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बालकृष्णन और मैथ्यू वलियापलक्कल के रूप में हुई है। इन्होंने वीजे बाबू नामक व्यक्ति पर हमला किया, जो बालकृष्णन के पुराने सहपाठी हैं। यह घटना 2 जून को हुई, जब बाबू एक अनौपचारिक पुनर्मिलन के बाद अपने सामान्य जीवन में लौट रहे थे।


चौथी कक्षा की रंजिश का नतीजा

एफआईआर में दर्ज जानकारी के अनुसार, बालकृष्णन और बाबू के बीच चौथी कक्षा में एक पुराना विवाद था। उस समय बाबू ने बालकृष्णन पर हमला किया था। यह मुद्दा वर्षों तक दबा रहा, लेकिन हाल ही में पुनर्मिलन के दौरान दोनों के बीच उस पुरानी रंजिश पर बहस हुई।


पत्थर से हमला

घटना के दिन, बालकृष्णन और मैथ्यू ने बाबू का सामना किया और उससे चौथी कक्षा में हमले के बारे में सवाल किया। यह बहस हिंसक हो गई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों ने बाबू पर हमला कर दिया। पुलिस के अनुसार, बालकृष्णन ने बाबू की कॉलर पकड़ ली, जबकि मैथ्यू ने पत्थर से उसके चेहरे और पीठ पर वार किया।


बाबू की हालत गंभीर, जांच जारी

इस हमले में बाबू गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे कन्नूर के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल परियारम में भर्ती कराया गया। फिलहाल उसकी स्थिति स्थिर है।


आरोपियों पर गंभीर धाराएं लगाई गईं

पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इनमें धारा 126(2) – गलत तरीके से रोकना, धारा 118(1) – खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना, और धारा 3(5) – सामान्य इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किया गया अपराध शामिल हैं।