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DGCA की चेतावनी: एअर इंडिया के पायलटों ने उड़ान में की नियमों की अनदेखी

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एअर इंडिया को चेतावनी दी है कि उसके पायलटों ने निर्धारित ड्यूटी घंटों से अधिक उड़ान भरी। यह मामला मई में बेंगलुरु और लंदन के बीच की गई उड़ानों से संबंधित है। DGCA ने एयरलाइन के उत्तर को असंतोषजनक पाया और भविष्य में ऐसी लापरवाही से बचने की सलाह दी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और उड़ान सुरक्षा मानकों के महत्व के बारे में।
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DGCA की चेतावनी: एअर इंडिया के पायलटों ने उड़ान में की नियमों की अनदेखी

एअर इंडिया को मिली DGCA से चेतावनी

नई दिल्ली: डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एअर इंडिया को एक गंभीर चेतावनी जारी की है। यह कार्रवाई मई में बेंगलुरु और लंदन के बीच की गई दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में पायलटों द्वारा निर्धारित ड्यूटी घंटों से अधिक उड़ान भरने के मामले में की गई है।


DGCA की रिपोर्ट के अनुसार, इन उड़ानों में पायलटों ने 10 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरी, जो कि मौजूदा नियमों का उल्लंघन है। यह सीमा फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के अंतर्गत आती है, जिसका उद्देश्य पायलटों की थकान को रोकना और उड़ान सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।


इस मामले में, जून में DGCA ने एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। हाल ही में प्राप्त जानकारी के अनुसार, एयरलाइन का उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया, जिसके बाद DGCA ने भविष्य में ऐसी लापरवाही से बचने की चेतावनी दी है।


एअर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि DGCA ने उन्हें लंबी दूरी की उड़ानों में रोस्टरिंग से संबंधित समस्याओं के बारे में पत्र भेजा था। प्रवक्ता के अनुसार, यह स्थिति उस समय उत्पन्न हुई जब एयर स्पेस में कुछ क्षेत्रों में बंदी थी। उन्होंने यह भी कहा कि बाद में सभी नियमों का पालन किया गया।


यह ध्यान देने योग्य है कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं जैसे ICAO, EASA और FAA भी पायलटों की ड्यूटी अवधि को सीमित करने के लिए नियम बनाती हैं। भारत में यह जिम्मेदारी DGCA के अधीन है। आमतौर पर, एक पायलट को एक दिन में अधिकतम 10 घंटे तक उड़ान भरने की अनुमति होती है, हालांकि विशेष परिस्थितियों में यह सीमा थोड़ी बदल सकती है। DGCA की यह कार्रवाई उड़ान सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।