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Ram Gopal Varma का विवादास्पद बयान: कुत्तों की सुरक्षा या इंसानों की?

फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश पर कुत्ता प्रेमियों पर तीखा हमला किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एक बच्ची को आवारा कुत्ते ने मारा था, तब ये प्रेमी कहाँ थे? उनके बयानों ने इस संवेदनशील मुद्दे पर बहस को और तेज कर दिया है। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और वर्मा के विचारों का क्या असर हो रहा है।
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Ram Gopal Varma का विवादास्पद बयान: कुत्तों की सुरक्षा या इंसानों की?

राम गोपाल वर्मा का नया विवाद

Ram Gopal Varma Dog Lovers : प्रसिद्ध फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा, जो अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं, एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस हालिया निर्णय पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने 11 अगस्त को निर्देश दिया था कि सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर सड़कों से हटाकर शेल्टर होम्स में भेजा जाए।


डॉग प्रेमियों पर सवाल उठाते हुए
वर्मा ने इस फैसले के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर कई पोस्ट किए। उन्होंने कुत्ता प्रेमियों पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि जब एक चार साल की बच्ची को एक आवारा कुत्ते ने दिनदहाड़े मारा था, तब ये लोग कहाँ थे? उन्होंने यह भी कहा कि हर साल हजारों लोग आवारा कुत्तों के हमलों का शिकार होते हैं, लेकिन उस समय इन पशु प्रेमियों की आवाज़ क्यों नहीं उठती? क्या दया केवल उन्हीं के लिए होती है, जिनकी पूंछ हिलती है?




कुत्तों और इंसानों की तुलना
वर्मा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "कुत्ता वफादार इसलिए होता है क्योंकि वह बेवफाई करना नहीं जानता।" उन्होंने कट्टर कुत्ता प्रेमियों से सवाल किया कि जब आप कहते हैं कि 'कुत्ते इंसानों से बेहतर हैं', तो यह वास्तव में आपके आस-पास के इंसानों पर एक तीखा कमेंट है, न कि कुत्तों की अच्छाई पर।


सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के मामले में यह निर्णय तब लिया जब इनसे संबंधित घटनाएं बढ़ रही थीं। कोर्ट ने कहा कि इन्हें सड़कों से हटाकर शेल्टर होम्स में भेजा जाए ताकि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस फैसले से एक ओर राहत महसूस की जा रही है, वहीं पशु प्रेमियों में नाराजगी भी देखी जा रही है.

राम गोपाल वर्मा के बयान ने इस संवेदनशील मुद्दे पर बहस को और तेज कर दिया है। कुछ लोग उनके विचारों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कई इसे असंवेदनशील मानते हैं। यह स्पष्ट है कि आवारा कुत्तों और आम लोगों की सुरक्षा दोनों ही मुद्दे अब राष्ट्रीय चर्चा का हिस्सा बन चुके हैं।