अंकिता लोखंडे ने सुशांत सिंह राजपूत की पुण्यतिथि पर भावुक श्रद्धांजलि दी

सुशांत सिंह राजपूत की याद में भावुक पोस्ट
नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत: 14 जून 2020 की तारीख ने हिंदी सिनेमा और उनके प्रशंसकों के लिए एक गहरा आघात दिया था। सुशांत की असामयिक मृत्यु ने सभी को झकझोर दिया था। आज इस घटना को 5 साल हो चुके हैं, लेकिन उनके फैंस और करीबी लोग उन्हें उसी प्रेम और सम्मान के साथ याद करते हैं। इस अवसर पर, अंकिता लोखंडे ने एक भावुक पोस्ट साझा की, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
पुरानी तस्वीर का साझा
अंकिता ने सुशांत की पुण्यतिथि पर एक इमोशनल इंस्टाग्राम स्टोरी में उनके साथ ‘पवित्र रिश्ता’ की एक पुरानी तस्वीर साझा की। इस तस्वीर में दोनों का प्यारा अंदाज़ देखने को मिला।
इस फोटो के साथ अंकिता ने फिल्म ‘छिछोरे’ का गाना ‘खैरियत पूछो, कभी तो कैफियत पूछो… तुम्हारे बिन दीवाने का क्या हाल है?’ लगाया है। यह गाना और तस्वीर दोनों ही फैंस के दिलों को छू गए। अंकिता का यह साइलेंट ट्रिब्यूट सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
6 साल का प्यार
अंकिता और सुशांत की प्रेम कहानी टीवी की सबसे चर्चित लव स्टोरी में से एक रही है। दोनों की मुलाकात ज़ी टीवी के शो ‘पवित्र रिश्ता’ के सेट पर हुई थी, और यहीं से उनका रिश्ता गहराने लगा। उन्होंने लगभग 6 साल तक एक-दूसरे को डेट किया।
हालांकि, 2016 में उनका ब्रेकअप हो गया और दोनों ने अपने-अपने रास्ते अलग कर लिए। लेकिन फैंस आज भी ‘अर्चना और मानव’ की जोड़ी को नहीं भूल पाए हैं।
फिल्मों में सुशांत का योगदान
सुशांत ने अपने करियर की शुरुआत छोटे पर्दे से की थी। उन्होंने पहले टीवी शो ‘किस देश में है मेरा दिल’ में काम किया, लेकिन असली पहचान उन्हें ‘पवित्र रिश्ता’ से मिली। इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड में ‘काय पो छे’, ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’, ‘केदारनाथ’, और ‘छिछोरे’ जैसी फिल्मों से दर्शकों का दिल जीता।
सरल स्वभाव की याद
सुशांत उन चुनिंदा कलाकारों में से थे, जो दिल और दिमाग दोनों से अभिनय करते थे। उनकी मुस्कान, आंखों की गहराई और सरल स्वभाव आज भी लोगों को याद आता है।
दोस्तों की श्रद्धांजलि
सुशांत की पुण्यतिथि पर उनके करीबी दोस्त करणवीर मेहरा ने भी कुछ अनदेखी तस्वीरें साझा कीं और एक भावुक पोस्ट लिखा। सुशांत की बहन ने भी अपने भाई को श्रद्धांजलि देते हुए एक इमोशनल संदेश साझा किया।
इन सभी पोस्ट्स से यह स्पष्ट होता है कि सुशांत सिंह राजपूत भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें और काम आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।