अंतरिक्ष यात्रा में जानवरों की भूमिका: एक ऐतिहासिक सफर

जानवरों के साहसिक सफर की शुरुआत
जब हम मानवों के चंद्रमा पर उतरने या मंगल पर जाने की चर्चा करते हैं, तो शायद ही कोई यह सोचता है कि इस यात्रा की शुरुआत छोटे जानवरों से हुई थी। उस समय वैज्ञानिकों के पास कोई अन्य विकल्प नहीं था, इसलिए उन्होंने जानवरों को अंतरिक्ष में भेजकर यह जानने की कोशिश की कि वहां उनके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है। इन साहसी जीवों ने जो डेटा प्रदान किया, उसने मानव मिशनों के लिए रास्ता आसान बना दिया।
पहला अंतरिक्ष मिशन: फल मक्खियाँ
20 फरवरी 1947 को अमेरिका ने सबसे पहले फल मक्खियों को एक V-2 रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा। इस मिशन का उद्देश्य उच्च ऊंचाई पर ब्रह्मांडीय विकिरण के प्रभाव का अध्ययन करना था। मक्खियाँ सुरक्षित लौट आईं, जिससे वैज्ञानिकों को यह विश्वास हुआ कि जैविक जीवन अंतरिक्ष की कुछ स्थितियों को सहन कर सकता है। यह एक ऐतिहासिक कदम था, जिसने आगे के प्रयोगों की नींव रखी।
प्राइमेट्स का योगदान
1948 से 1951 के बीच अमेरिका ने 'एल्बर्ट' नामक श्रृंखला के तहत रीसस मैकाक प्रजाति के बंदरों को अंतरिक्ष में भेजा। एल्बर्ट II, जो 14 जून 1949 को भेजा गया था, 83 मील की ऊंचाई तक पहुंचा। हालांकि पैराशूट फेल होने के कारण उसकी मृत्यु हो गई, लेकिन इस मिशन ने जीवन रक्षक प्रणालियों और बायोमेडिकल सेंसर की जांच में मदद की।
लाइका: पहली कक्षीय यात्री
3 नवंबर 1957 को सोवियत संघ ने लाइका नाम की एक आवारा कुतिया को स्पुतनिक-2 यान से अंतरिक्ष में भेजा। वह पृथ्वी की कक्षा में जाने वाली पहली जीवित प्राणी बनी। हालांकि लाइका की वापसी की कोई योजना नहीं थी और वह कुछ घंटों में ही गर्मी के कारण मर गई, फिर भी उसके मिशन ने हमें ऑर्बिटल बायोलॉजी और स्पेस स्ट्रेस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं।
हम: प्रशिक्षित चिंपांज़ी
31 जनवरी 1961 को 'हम' नाम का चिंपांज़ी मर्करी-रेडस्टोन 2 उड़ान में भेजा गया। उसे अंतरिक्ष में विशेष कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। उसने सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में सही ढंग से निर्देशों का पालन किया, जिससे यह प्रमाणित हुआ कि इंसान भी ऐसे हालात में ठीक से काम कर सकते हैं। हम सुरक्षित लौट आया और यह मिशन मानव मिशनों के लिए एक बड़ी सफलता थी।
बेल्का और स्ट्रेल्का: सुरक्षित वापसी
19 अगस्त 1960 को सोवियत संघ ने स्पुतनिक-5 यान से दो कुत्तों, बेल्का और स्ट्रेल्का को अंतरिक्ष में भेजा। वे पृथ्वी की कक्षा में घूमकर सकुशल लौटने वाले पहले जानवर बने। उनकी वापसी ने यह सिद्ध कर दिया कि जीवित प्राणी अंतरिक्ष की कठोर परिस्थितियों को सहकर वापस लौट सकते हैं। स्ट्रेल्का के बच्चों में से एक को बाद में अमेरिका की प्रथम महिला जैकी कैनेडी को गिफ्ट किया गया था।
फेलिसेट: पहली और इकलौती बिल्ली
1963 में फ्रांस ने फेलिसेट नाम की एक बिल्ली को उपकक्षीय उड़ान पर भेजा। उसकी खोपड़ी में इलेक्ट्रोड लगाए गए थे जिससे उड़ान के दौरान उसके मस्तिष्क की गतिविधियों को ट्रैक किया जा सके। मिशन सफल रहा और फेलिसेट को सुरक्षित वापस लाया गया। यह मिशन न्यूरोलॉजिकल रिसर्च में मील का पत्थर साबित हुआ।
कछुए: चंद्रमा के पास से लौटे
सितंबर 1968 में सोवियत संघ ने ज़ोंड-5 यान से दो कछुए, फल मक्खियों के अंडे और कीड़े चंद्रमा के पास भेजे। यह यान छह दिन के मिशन के बाद पृथ्वी पर लौटा। कछुए जीवित रहे, हालांकि उनका वजन थोड़ा कम हो गया था। इस मिशन ने यह दिखाया कि जटिल प्राणी भी लंबी अंतरिक्ष यात्रा को झेल सकते हैं।