अडानी ग्रुप ने भूटान में 570 मेगावाट की हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना की शुरुआत की

भूटान में अडानी ग्रुप का नया कदम
भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व में अडानी ग्रुप ने भूटान में एक महत्वपूर्ण परियोजना की शुरुआत की है। अडानी पावर ने शनिवार को भूटान की सरकारी बिजली कंपनी ड्रक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DGPC) के साथ 570 मेगावाट की वांगछू हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना के लिए एक शेयरधारक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस परियोजना को BOOT (बिल्ड, ओन, ऑपरेट, ट्रांसफर) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा।इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह भारत और भूटान दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। भूटान के लिए, यह परियोजना सर्दियों में बिजली की उच्च मांग को पूरा करेगी, जब वहां हाइड्रो पावर का उत्पादन कम होता है। वहीं, गर्मियों में, जब भूटान में बिजली का उत्पादन अधिक होगा, तो वह अतिरिक्त बिजली भारत को निर्यात करेगा।
अडानी पावर के सीईओ एस.बी. ख्यालिया ने कहा, "भूटान सतत विकास के लिए एक आदर्श उदाहरण है, और हम इस नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना के माध्यम से देश के प्राकृतिक संसाधनों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए उत्सुक हैं।"
इस परियोजना में लगभग 60 अरब रुपये (6,000 करोड़ रुपये) का निवेश किया जाएगा। परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट पहले ही तैयार हो चुकी है, और निर्माण कार्य 2026 की पहली छमाही में शुरू होने की उम्मीद है। इसे शुरू होने के पांच साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
DGPC के एमडी, दाशो छेवांग रिनजिन ने कहा, "भूटान और भारत 1960 के दशक से जलविद्युत क्षमता का उपयोग करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। अडानी समूह की तकनीकी और वित्तीय ताकत को देखते हुए, हमें उम्मीद है कि यह परियोजना तेजी से पूरी होगी।"
यह समझौता भारत और भूटान के बीच सहयोग और मित्रता का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जो दोनों देशों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगा।