अमरनाथ यात्रा की शुरुआत: सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच श्रद्धालुओं का जोश

अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा चिंताओं के बीच, आज जम्मू से अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना हुआ। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर यात्री निवास से श्रद्धालुओं को हरी झंडी दिखाकर यात्रा की शुरुआत की। श्रद्धालु बम-बम भोले के जयकारों के साथ बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए निकल पड़े।
सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, सरकार ने इस बार यात्रा के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए हैं। जम्मू-कश्मीर में अर्धसैनिक बलों की लगभग 600 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा फोर्स मानी जा रही है। सुरक्षा बलों के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस, खुफिया एजेंसियां और स्थानीय प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल
‘बाबा ने बुलाया है’ की भावना हावी
यात्रा में शामिल श्रद्धालु आतंक के डर को दरकिनार कर बाबा बर्फानी के दरबार में जा रहे हैं। एक श्रद्धालु ने कहा, “हम बाबा से प्रार्थना करते हैं कि देश में शांति बनी रहे। हम हर बाधा पार करेंगे।” उपराज्यपाल सिन्हा ने भी कहा कि इस बार लोगों में भारी उत्साह है और बड़ी संख्या में लोग यात्रा में शामिल हो रहे हैं।
पंजीकरण की संख्या में वृद्धि
3.31 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने कराया पंजीकरण
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के लिए 3.31 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। इसके अलावा, मौके पर भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है, जहां पहले दो दिनों में लगभग 4,000 टोकन वितरित किए गए हैं। यह भक्तों में यात्रा के प्रति गहरी आस्था और उत्साह को दर्शाता है।
यात्रा की अवधि और मार्ग
दो मार्गों से होगी यात्रा, 38 दिनों तक चलेगा सफर
कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। यात्रा दो मार्गों से होगी—अनंतनाग जिले का पारंपरिक नुनवान-पहलगाम रूट (48 किमी) और गांदरबल जिले का छोटा लेकिन कठिन बालटाल मार्ग (14 किमी)।
सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा
सुरक्षा और व्यवस्थाओं पर उच्चस्तरीय समीक्षा
यात्रा से पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की। यात्री निवास, मार्गों की निगरानी, स्वास्थ्य सेवाएं, ट्रैफिक कंट्रोल और आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी पहलुओं को प्राथमिकता दी गई है।
आस्था का संदेश
संदेश साफ है—आस्था आतंक से बड़ी है
पहलगाम हमले के बावजूद श्रद्धालुओं की हिम्मत और प्रशासन की तैयारी एक मजबूत संदेश देती है कि आस्था को आतंक नहीं रोक सकता। देश एकजुट होकर अमरनाथ यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए तैयार है।