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अमिताभ बच्चन की 'शहंशाह' जैकेट: एक आइकॉनिक पोशाक की कहानी

अमिताभ बच्चन की फिल्म 'शहंशाह' में पहनी गई उनकी भारी जैकेट ने सिनेमा में एक नया मापदंड स्थापित किया। इस जैकेट के निर्माण में तीन महीने लगे और इसका वजन 15 किलो से अधिक था। जानें इस आइकॉनिक पोशाक के पीछे की कहानी, जिसमें तकनीकी और भावनात्मक मेहनत का समावेश है। क्या आप जानते हैं कि इस जैकेट का पहला उपयोग अभिनेता जितेंद्र की फिल्म में हुआ था? इस लेख में इस दिलचस्प सफर के बारे में विस्तार से जानें।
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अमिताभ बच्चन की 'शहंशाह' जैकेट: एक आइकॉनिक पोशाक की कहानी

सिनेमा की यादगार जैकेट

फिल्मों के इतिहास में कुछ पात्र ऐसे होते हैं जो अपने अभिनय के साथ-साथ अपनी वेशभूषा से भी दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ते हैं। अमिताभ बच्चन की फिल्म 'शहंशाह' में पहनी गई उनकी भारी जैकेट इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह कोई साधारण जैकेट नहीं थी, बल्कि इसमें स्टील का उपयोग किया गया था और इसका वजन 15 किलो से अधिक था।


निर्माण की दिलचस्प कहानी

फिल्म के निर्देशक टीनू आनंद और अनु आनंद ने इस जैकेट के निर्माण के बारे में कई रोचक बातें साझा की हैं। उन्होंने बताया कि इस आइकॉनिक पोशाक को बनाने में तीन महीने का समय लगा और इसमें तकनीकी और भावनात्मक दोनों स्तर पर काफी मेहनत की गई।


भारी वजन की चुनौतियाँ

एक इंटरव्यू में टीनू आनंद ने कहा कि जब अमिताभ 'शहंशाह' की शूटिंग कर रहे थे, तब उन्हें मांसपेशियों की बीमारी थी। इसके बावजूद, उन्होंने इस भारी पोशाक को पहनने पर जोर दिया। अकेले जैकेट के हाथ का वजन 16 किलो था। उन्होंने हल्की वर्दी पहनने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि हल्के कपड़ों से उनकी बॉडी लैंग्वेज बदल जाती है।


महंगी और जटिल डिजाइन

इस जैकेट को साधारण कपड़ों की तरह नहीं देखना चाहिए। यह उस समय की सबसे महंगी जैकेटों में से एक थी। टीनू आनंद ने बताया कि इसे कारीगरों की एक टीम ने तैयार किया, जिसमें स्टील चेन और असली लेदर का उपयोग किया गया। इसकी जटिल डिटेलिंग के कारण इसे बनाने में तीन महीने लगे और इसकी लागत ₹30,000 से ₹40,000 के बीच आई, जो उस समय एक बड़ी राशि मानी जाती थी।


जितेंद्र को मिली पहली जैकेट

अनु आनंद ने एक दिलचस्प किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि अमिताभ की तबीयत खराब होने के कारण फिल्म 'शहंशाह' की शूटिंग रोकनी पड़ी थी। इस दौरान जो पहली जैकेट बनाई गई थी, वह अभिनेता जितेंद्र की फिल्म 'आग और शोला' में इस्तेमाल की गई। जब अमिताभ स्वस्थ होकर लौटे, तो उन्होंने किशोर बजाज के साथ मिलकर एक नई जैकेट बनाई, जो फिल्म में इस्तेमाल हुई।