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अमिताभ बच्चन ने इक्कीस की नई रिलीज डेट का किया खुलासा

अमिताभ बच्चन ने अपने पोते अगस्त्य नंदा की फिल्म इक्कीस की रिलीज डेट में बदलाव की जानकारी दी है। यह फिल्म अब 1 जनवरी 2026 को रिलीज होगी। बच्चन ने बताया कि यह बदलाव ज्योतिषीय कारणों से किया गया है, न कि बॉक्स ऑफिस की चिंता के चलते। इक्कीस, जो कि एक प्रेरणादायक कहानी पर आधारित है, अगस्त्य के करियर के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जानें इस फिल्म के बारे में और क्या खास है।
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अमिताभ बच्चन ने इक्कीस की नई रिलीज डेट का किया खुलासा

फिल्म इक्कीस की रिलीज डेट में बदलाव


मुंबई: प्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन ने अपने पोते अगस्त्य नंदा की फिल्म इक्कीस की रिलीज डेट में बदलाव के बारे में जानकारी दी है। पहले यह फिल्म 25 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब इसकी नई तारीख 1 जनवरी 2026 निर्धारित की गई है। इस बदलाव के बाद फिल्म इंडस्ट्री में कई अटकलें लगाई जा रही थीं।


सोशल मीडिया पर अमिताभ का स्पष्टीकरण

अमिताभ बच्चन ने 18 दिसंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से इस बदलाव की जानकारी साझा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि रिलीज डेट में बदलाव का कारण कोई बॉक्स ऑफिस का डर नहीं है, बल्कि ज्योतिषीय कारण हैं। उन्होंने लिखा कि पहले फिल्म 25 को रिलीज होनी थी, लेकिन अब यह 1 तारीख को आएगी, और यह निर्णय शगुन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।


अटकलों पर अमिताभ का विराम

अमिताभ बच्चन के स्पष्टीकरण के बाद उन रिपोर्टों पर विराम लग गया, जिनमें कहा जा रहा था कि फिल्म को बड़ी रिलीज से टकराने से बचाने के लिए आगे बढ़ाया गया है। दरअसल, 25 दिसंबर को कार्तिक आर्यन और अनन्या पांडे की रोमांटिक फिल्म 'तू मेरी मैं तेरा' भी रिलीज होने वाली है। इसके अलावा, रणवीर सिंह की फिल्म पहले से ही बॉक्स ऑफिस पर अच्छी पकड़ बनाए हुए है। इन्हीं कारणों से माना जा रहा था कि मेकर्स ने इक्कीस को पोस्टपोन किया है।




अगस्त्य नंदा के लिए महत्वपूर्ण फिल्म

इक्कीस अगस्त्य नंदा के करियर के लिए एक महत्वपूर्ण फिल्म मानी जा रही है। यह उनकी पहली थिएट्रिकल रिलीज है। इससे पहले, वह जोया अख्तर की नेटफ्लिक्स फिल्म 'द आर्चीज' में दिखाई दिए थे, जिसे मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली थी। ऐसे में इक्कीस उनके लिए बड़े पर्दे पर खुद को साबित करने का एक बड़ा अवसर है।


फिल्म इक्कीस भारत के सबसे कम उम्र के परमवीर चक्र विजेता सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल की प्रेरणादायक सच्ची कहानी पर आधारित है। अरुण खेत्रपाल को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उनकी असाधारण बहादुरी के लिए यह सम्मान मिला था। यह फिल्म साहस, बलिदान और देशभक्ति की भावना को केंद्र में रखती है।