अमेरिका में मांसभक्षी बैक्टीरिया का खतरा: जानें इसके बारे में सब कुछ

अमेरिका में मांसभक्षी बैक्टीरिया का खतरा
अमेरिका में मांसभक्षी बैक्टीरिया: कोरोना वायरस ने वैश्विक स्तर पर भारी तबाही मचाई थी, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए। इस महामारी के दौरान कई देशों में लॉकडाउन लागू करना पड़ा। अब एक नया बैक्टीरिया सामने आया है, जो इंसानी मांस को खा जाता है।
बैक्टीरिया का प्रभाव
रिपोर्टों के अनुसार, यह बैक्टीरिया गर्म मौसम में तेजी से फैलता है और लोगों को संक्रमित करता है। अमेरिका में इस बैक्टीरिया ने दहशत फैला दी है, खासकर गर्मियों में समुद्र में तैरने वाले लोगों के लिए। 2025 में फ्लोरिडा में इस बैक्टीरिया के कारण चार लोगों की मृत्यु हो गई थी, जो अब तक के 11 मामलों में शामिल हैं।
बैक्टीरिया की पहचान
बैक्टीरिया का नाम क्या है?
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस बैक्टीरिया का नाम Vibrio Vulnificus है। यह एक दुर्लभ बैक्टीरिया है जो आमतौर पर गर्म जलवायु में समुद्र के खारे पानी में पाया जाता है। 2016 से अब तक फ्लोरिडा में इसके 448 संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जिनमें से 100 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
Vibrio Vulnificus के बारे में जानकारी
यह बैक्टीरिया वास्तव में मांस नहीं खाता, बल्कि ऊतकों को नष्ट करता है। यह त्वचा में कट या घाव के माध्यम से प्रवेश करता है। रोग निवारण एवं नियंत्रण केंद्र (CDC) के अनुसार, यह गर्मियों में, विशेषकर मई से अक्टूबर के बीच, अधिक सक्रिय होता है।
जोखिम में लोग
किसे है खतरा?
यह बैक्टीरिया उन लोगों के लिए अधिक खतरनाक है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है, जैसे कि सिरोसिस के मरीज या कीमोथेरेपी ले रहे लोग। इसके लक्षणों में दस्त, पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी और बुखार शामिल हैं।
बचाव के उपाय
कैसे करें बचाव?
समुद्र में जाते समय सावधानी बरतें। तैरने के बाद खुद को अच्छी तरह धोएं और समुद्री भोजन को अच्छी तरह पकाएं। अगर शरीर पर कोई घाव हो, तो खारे पानी में न जाएं।
भारत में खतरा
क्या भारत पर भी खतरा है?
यह बैक्टीरिया आमतौर पर मेक्सिको की खाड़ी में पाया जाता है, इसलिए भारत में इसके फैलने का खतरा बहुत कम है।