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अशोक कुमार: बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार का जादुई सफर

अशोक कुमार, बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार, ने अपनी सादगी और अदाकारी से दर्शकों के दिलों में एक खास स्थान बनाया। उनका सफर वकील बनने के सपने से शुरू होकर, बॉम्बे टॉकीज में हीरो बनने तक पहुंचा। फिल्म 'किस्मत' ने उनकी किस्मत बदल दी और उन्हें भारतीय सिनेमा का एक महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया। जानें उनके जीवन की अनकही कहानियाँ और उनके योगदान के बारे में।
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अशोक कुमार: बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार का जादुई सफर

अशोक कुमार का जन्मदिन


अशोक कुमार का जन्मदिन: बॉलीवुड के स्वर्णिम युग में, अशोक कुमार ने अपनी सरलता और अदाकारी के माध्यम से दर्शकों के दिलों में एक खास स्थान बना लिया। उनकी अदाकारी की गहराई और संवाद अदायगी इतनी स्वाभाविक थी कि उन्हें 'नेचुरल एक्टिंग' का प्रतीक माना जाने लगा। उनके समकक्ष कई प्रसिद्ध अभिनेत्रियाँ भी फीकी पड़ जाती थीं, जिनमें ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी भी शामिल थीं।


अशोक कुमार केवल एक अभिनेता नहीं थे, बल्कि उन्होंने हिंदी सिनेमा की दिशा को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका सफर आसान नहीं था, लेकिन किस्मत ने उन्हें बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार बना दिया।


वकील बनने का सपना

अशोक कुमार का असली नाम कुमुदलाल गांगुली था। उनका सपना वकील बनने का था, लेकिन किस्मत ने उन्हें कुछ और ही रास्ता दिखाया। वकालत की परीक्षा में असफल होने के बाद, वे मुंबई चले गए, जहां उनके जीजा शशधर मुखर्जी बॉम्बे टॉकीज में कार्यरत थे। अशोक कुमार ने वहां लैब असिस्टेंट के रूप में काम करना शुरू किया। 1936 में एक घटना ने उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया — जब फिल्म 'जीवन नैया' के नायक नजमुल हसन ने अचानक शूटिंग छोड़ दी, तब बॉम्बे टॉकीज के मालिक हिमांशु राय ने अशोक को हीरो बना दिया। फिल्म की शूटिंग के दौरान उनका नाम बदलकर 'अशोक कुमार' रखा गया। इस फिल्म ने उन्हें पहचान दिलाई और उनके जीवन की दिशा तय की।


'किस्मत' ने बदल दी थी किस्मत

1943 में रिलीज हुई फिल्म 'किस्मत' भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म में उन्होंने एंटी-हीरो की भूमिका निभाई, जो उस समय के लिए बेहद अनोखी थी। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 1 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की, जो उस समय का रिकॉर्ड था। इसके बाद अशोक कुमार की लोकप्रियता आसमान छूने लगी। उन्होंने 'अछूत कन्या', 'झूला', 'बंधन', 'कंगन', 'हावड़ा ब्रिज' और 'चलती का नाम गाड़ी' जैसी सुपरहिट फिल्मों से दर्शकों के दिलों में अमर स्थान बना लिया।


अशोक कुमार ने केवल अभिनय नहीं किया, बल्कि फिल्मों का निर्देशन और निर्माण भी किया। उनकी प्रोडक्शन कंपनी से बनी फिल्म 'जिद्दी' से अभिनेता देव आनंद ने अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने मधुबाला, प्राण, ऋषिकेश मुखर्जी, शक्ति सामंता जैसे कलाकारों को पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1988 में उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया और पद्मश्री भी मिला।