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असरानी के यादगार किरदार: कॉमेडी के बादशाह की फिल्म यात्रा

असरानी, भारतीय सिनेमा के एक प्रमुख हास्य अभिनेता, ने अपने करियर में कई यादगार भूमिकाएँ निभाई हैं। उनकी फिल्में जैसे 'शोले', 'चुपके चुपके', और 'भूल भुलैया' ने दर्शकों को हंसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस लेख में, हम असरानी के कुछ सबसे प्रसिद्ध किरदारों पर चर्चा करेंगे, जो उनकी अद्वितीय कॉमिक टाइमिंग और बहुमुखी अभिनय का परिचय देते हैं। जानें कैसे उन्होंने कॉमेडी के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी है।
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असरानी के यादगार किरदार: कॉमेडी के बादशाह की फिल्म यात्रा

असरानी के यादगार किरदार


असरानी के यादगार किरदार: असरानी, भारतीय सिनेमा में हास्य का प्रतीक बन चुके हैं। पिछले पचास वर्षों से, इस महान अभिनेता ने अपनी अद्वितीय कॉमिक टाइमिंग और बहुआयामी अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया है।


1970 के दशक से लेकर आज तक, असरानी ने हर भूमिका को अद्भुत तरीके से निभाया। भले ही वह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादगार भूमिकाएँ हमेशा फिल्म प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेंगी। आइए उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों पर नजर डालते हैं जहाँ उन्होंने अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन किया।


शोले (1975)

असरानी के यादगार किरदार: कॉमेडी के बादशाह की फिल्म यात्रा


रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित, 'शोले' भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक है। असरानी की जेलर की भूमिका अब एक किंवदंती बन चुकी है। उनका प्रसिद्ध संवाद - "हम अँग्रेज़ों के ज़माने के जेलर हैं" - आज भी लोगों के बीच चर्चित है। अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र और हेमा मालिनी के साथ स्क्रीन साझा करते हुए, असरानी ने अपनी छोटी लेकिन प्रभावशाली भूमिका से एक अमिट छाप छोड़ी।


चुपके चुपके (1975)

असरानी के यादगार किरदार: कॉमेडी के बादशाह की फिल्म यात्रा


ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी 'चुपके चुपके' में असरानी ने प्रशांत कुमार श्रीवास्तव का किरदार निभाया, जो एक मजेदार और चुलबुले व्यक्ति थे। उनके हल्के-फुल्के हास्य और स्वाभाविक अभिनय ने इस क्लासिक कॉमेडी को और भी मजेदार बना दिया, जिससे यह साबित हुआ कि वह बॉलीवुड के बेहतरीन हास्य अभिनेताओं में से एक हैं।


नमक हराम (1973)

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ऋषिकेश मुखर्जी की 'नमक हराम' में, असरानी ने धोंडू का किरदार निभाया, जिसमें उन्होंने अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना और रेखा के साथ काम किया। सुपरस्टार्स के साथ स्क्रीन साझा करने के बावजूद, उनकी सहज हास्य अपील ने उन्हें अलग पहचान दिलाई।


भूल भुलैया (2007)

असरानी के यादगार किरदार: कॉमेडी के बादशाह की फिल्म यात्रा


प्रियदर्शन की मनोवैज्ञानिक हॉरर-कॉमेडी 'भूल भुलैया' में, असरानी ने मुरारी का किरदार निभाया, जो फिल्म की अजीबोगरीब घटनाओं में फंसा एक वफादार कर्मचारी था। उनकी शानदार टाइमिंग और हास्यपूर्ण अभिव्यक्तियों ने इस किरदार को यादगार बना दिया।


धमाल (2007)

इंद्र कुमार की 'धमाल' में असरानी ने नारी कॉन्ट्रैक्टर का किरदार निभाया, जो संजय दत्त, अरशद वारसी और जावेद जाफ़री के साथ एक हास्य पात्र थे। उनके अभिनय ने इस पूरी तरह से हास्य-प्रधान फिल्म में एक अतिरिक्त मज़ा जोड़ा।


हेरा फेरी (2000)

असरानी के यादगार किरदार: कॉमेडी के बादशाह की फिल्म यात्रा


प्रियदर्शन की एक और उत्कृष्ट कृति, 'हेरा फेरी' में असरानी ने एक सख्त लेकिन मजेदार बैंक मैनेजर की भूमिका निभाई। उनकी स्वाभाविक हास्य-भावना ने फिल्म के अविस्मरणीय दृश्यों में चार चाँद लगा दिए।


खट्टा मीठा (2010)

अक्षय कुमार और तृषा कृष्णन के साथ 'खट्टा मीठा' में, असरानी ने करोड़ीमल का किरदार निभाया, जिसने इस सामाजिक हास्य-नाटक में अपना विशिष्ट हास्य जोड़ा। उनके अनुभव और टाइमिंग ने हर दृश्य को और भी बेहतर बना दिया।


दे दना दन (2009)

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'दे दना दन' में, असरानी ने प्रियदर्शन के साथ फिर से काम किया, इस बार उन्होंने मामू नाम के एक हत्यारे का किरदार निभाया। उनका हास्यपूर्ण चित्रण फिल्म के मुख्य आकर्षणों में से एक बन गया।


एक ऐसा दिग्गज जिसने हँसी के बीच जिया

शोले के जेलर की जोरदार हँसी से लेकर चुपके चुपके की सूक्ष्म बुद्धि तक, असरानी का योगदान हिंदी सिनेमा में अद्वितीय है। वह केवल एक अभिनेता नहीं थे, बल्कि एक भावना थे, जो यह दर्शाते हैं कि जब कॉमेडी सही तरीके से की जाती है, तो वह अमर हो जाती है। उनकी फ़िल्में हमेशा हमें हंसाती रहेंगी और याद दिलाती रहेंगी कि असरानी वास्तव में कॉमेडी के बादशाह क्यों थे और हमेशा रहेंगे।