Newzfatafatlogo

आंध्र प्रदेश में मुठभेड़ में माओवादी कमांडर माडवी हिडमा ढेर

आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामराजू जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में प्रमुख नक्सली कमांडर माडवी हिडमा को मार गिराया। पुलिस ने इसे उग्रवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। मुठभेड़ में छह माओवादी मारे गए, जिनमें हिडमा और उसकी पत्नी शामिल हैं। पुलिस ने इस ऑपरेशन में कई हथियार और सामग्री भी जब्त की। खुफिया विभाग ने बताया कि हिडमा की मौत से उग्रवाद पर बड़ा असर पड़ेगा।
 | 
आंध्र प्रदेश में मुठभेड़ में माओवादी कमांडर माडवी हिडमा ढेर

मुठभेड़ की जानकारी

मरेदुमिल्ली। मंगलवार को आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामराजू जिले में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में प्रमुख नक्सली कमांडर माडवी हिडमा को मार गिराया गया। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस घटना को उग्रवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।


मुठभेड़ का समय और स्थान

पुलिस अधीक्षक अमित बरदार ने बताया कि यह मुठभेड़ सुबह साढ़े छह से सात बजे के बीच मरेदुमिल्ली मंडल के जंगलों में हुई। एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस गोलीबारी में छह माओवादी मारे गए।


मारे गए माओवादियों की पहचान

इस मुठभेड़ में दो महिलाएं और चार पुरुष शामिल थे। पुलिस ने पुष्टि की है कि मारे गए माओवादियों में हिडमा, उसकी पत्नी मदकम राजे, देवे, लकमल (चैतू), मल्ला (मल्लालु) और कमलू (कमलेश) शामिल हैं।


पुलिस द्वारा जब्त सामग्री

मुठभेड़ के बाद पुलिस ने दो एके-47 राइफल, एक पिस्तौल, एक रिवॉल्वर, एक सिंगल बोर हथियार, कई डेटोनेटर और अन्य सामग्री जब्त की। एसपी ने बताया कि यह एक संयुक्त अभियान था, जिसमें पुलिस की विभिन्न शाखाएं शामिल थीं।


आंध्र प्रदेश खुफिया विभाग की प्रतिक्रिया

आंध्र प्रदेश के खुफिया विभाग के एडीजीपी महेश चंद्र लड्डा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में बढ़ते दबाव के कारण कुछ माओवादी आंध्र प्रदेश में घुसपैठ करने की योजना बना रहे थे। पुलिस उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही थी।


हिडमा का इतिहास

लड्डा ने कहा कि पिछले दो दिनों में उन्हें विशिष्ट खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ शीर्ष माओवादी नेता राज्य में प्रवेश कर रहे हैं। हिडमा की मौत को उग्रवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि वह पिछले दो दशकों में कई हमलों की साजिश रच चुका था।


हिडमा का नेतृत्व

अधिकारियों के अनुसार, हिडमा कई वर्षों से माओवादियों की 'पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी' (पीएलजीए) की बटालियन नंबर-एक का नेतृत्व कर रहा था, जो दंडकारण्य में संगठन का सबसे मजबूत सैन्य दस्ता माना जाता है।