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इंडिगो एयरलाइंस के पायलट पर जातिगत दुर्व्यवहार का आरोप

इंडिगो एयरलाइंस के एक प्रशिक्षु पायलट ने अपने सहकर्मियों पर जातिगत दुर्व्यवहार का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सहकर्मियों ने उन्हें अपमानजनक नामों से पुकारा और उनकी योग्यता पर सवाल उठाया। इसके अलावा, उन्होंने बिना किसी कारण के उनके अधिकारों का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया। जानें इस मामले में क्या हुआ और प्रबंधन की प्रतिक्रिया क्या रही।
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इंडिगो एयरलाइंस के पायलट पर जातिगत दुर्व्यवहार का आरोप

जातिगत दुर्व्यवहार का मामला

इंडिगो एयरलाइंस के एक प्रशिक्षु पायलट ने अपने तीन सहकर्मियों पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया है। उसने कहा कि सहकर्मियों ने उसे जाति से संबंधित अपमानजनक नामों से संबोधित किया और यह भी कहा कि वह कॉकपिट में बैठने या विमान उड़ाने के योग्य नहीं है। इसके अलावा, शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि सहकर्मियों ने उसे चप्पल सिलने के लिए वापस जाने को कहा।


कानूनी कार्रवाई की गई

इस शिकायत के आधार पर, तीनों आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।


पायलट का आरोप

कुमार ने अपनी शिकायत में कहा कि उनके सहकर्मियों, जिनके नाम तपस डे, मनीष साहनी और राहुल पाटिल हैं, ने जातिवादी और अपमानजनक टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा, "आप विमान उड़ाने के योग्य नहीं हैं, वापस जाकर चप्पलें सिलें।" इसके अलावा, उन्होंने उनकी जाति का हवाला देते हुए अपमानजनक बातें कहीं।


अन्य दुर्व्यवहार के आरोप

कुमार ने यह भी बताया कि उन्हें बिना किसी कारण के सुधारात्मक प्रशिक्षण से गुजरने के लिए मजबूर किया गया। इसके अलावा, बिना किसी वैध कारण के उनकी बीमारी की छुट्टी में कटौती की गई, स्टाफ यात्रा और एसीएम विशेषाधिकार रद्द कर दिए गए। उन्होंने कहा कि यह सब उन्हें दबाव में लाने और इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने के लिए किया गया।


प्रबंधन की अनदेखी

पीड़ित ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मामले की जानकारी इंडिगो एयरलाइंस के सीईओ और एथिक्स कमेटी को दी, लेकिन आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि उनके अधिकारों और गरिमा की रक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।